शंखनाद INDIA / मनोरंजन : आखिरकार पितृपक्ष की समाप्ति के साथ ही आज से नवरात्र शुरू हो गए हैं। जी हां, आज नवरात्र मैं शैलपुत्री माता का आज प्रथम दिन है। जिसमें सभी भक्तजनों ने आज उपवास रखा है। वही बता दे, चतुर्थी व पंचमी तिथि एक ही दिन होने से नवरात्र का 1 दिन इस बार कम हो गया है। कुछ पंचायतों में तृतीय व चतुर्थ 1 दिन होने के बाद पंडितों की ओर से बताई जाती है। दो तिथि 1 दिन होने के कारण “कुष्मांडा” “स्कंदमाता” की आधा आराधना एक ही दिन की जाती है, कि नवरात्र के लिए शहर के मंदिरों में पूरी तैयारियां कर दी गई हैं।

जानते हैं किस पर सबसे ज्यादा देना होगा ध्यान …

मंदिर में प्रवेश के दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का भी पूरा ध्यान रखना होगा। इसे लेकर कई मंदिरों द्वारा प्रबंधन द्वारा कमिटी भी बनाई गई हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके और कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा सके। 8 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए सभी को जागरूक किया जाएगा।

अब जानते हैं क्या हैं मुहूर्त। ….

नवरात्र में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। ऐसे में उसका शुभ मुहूर्त सुबह 6:17 से शुरू होगा। जो कि सुबह 7:07 तक रहेगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:45 से दोपहर 12:32 तक रहेगा। घट स्थापना के लिए 7 तरह के अनाज, चौड़े मुंह वाले मिट्टी का एक बर्तन, पवित्र स्थान से लाई गई मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या सूखे पत्ते, सुपारी, नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कुछ विशेष नियमों का पालन के साथ उत्तर पूर्व दिशा को साफ कर मां की चौकी लगानी होती हैं। वहीं इसके लिए सबसे पहले गणेश की पूजा की जाएगी। 9 अक्टूबर को तृतीया तिथि सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक ही रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी, जो कि अगले दिन 10 अक्टूबर को सुबह 5 बजे तक रहेगी। इस साल दो तिथियां एक साथ लगने के कारण नवरात्रि आठ दिन की होगी।