शंखनाद INDIA/ देहरादून

उत्तराखंड में इन दिनों कोरोना महामारी से सरकार लगातार परेशान है| सरकार लोगों से कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील कर रही है जिससे कोरोना संक्रमण पर रोक लगाई जा सके| लेकिन बात जब कोरोना सेफ्टी को लेकर की जाए तो इसमें मास्क और सेनिटाइजर को अहम माना गया है| हालांकि उत्तराखंड में बीजेपी विधायक ने अपनी ही पार्टी पर मास्क घोटाले का आरोप लगाया है| राजपुर विधायक खजानदास ने  कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा 5 रूपये के मास्क को 16 रूपये में खरीदने को लेकर सरकरा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं|

वहीं मामले को लेकर आज आप पार्टी के वरिष्ठ नेता रविन्द्र जुगरान ने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया| इस दौरान उन्होंने मास्क घोटाले को लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला| रविंद्र जुगरान ने बीजेपी विधायक खजानदास द्वारा उठाए गए मास्क खरीद मामले में बाजार भाव से तीन गुना रेट पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदने को लेकर बीजेपी सरकार पर कई सवाल खड़े किए| उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश जानता है कि बीजेपी के राज में कई भ्रष्टाचार हुए और अब मास्क खरीद घोटाला सामने आया है| जिसपर खुद राजपुर विधायक खजानदास सीएम के सामने कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए भ्रष्टाचार होने के संकेत दिए हैं| साथ ही सीएम से मामले को लेकर जांच की मांग की है|

रविन्द्र जुगरान ने कहा कि जिन मास्क की कीमत बाजार में 5 रुपये थी, स्वास्थ्य विभाग ने उन्हीं मास्क को कोरोना काल के दौरान 15 से 16 रुपये में खरीदा। हर विधायक ने अपनी निधी से मुख्यमंत्री राहत कोष में 15-15 लाख रुपये दिए थे, लेकिन उन पैसों की कैसे बंदरबांट हुई विधायक ने खुद ही इसको उजागर कर दिया और अपनी सरकार के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं| इसके अलावा रविंद्र जुगरान ने यह भी बताया कि नगर निगम द्वारा भी कोरोना काल में मंहगी दरों पर सोडियम हाइपोक्लोराइड खरीदा गया जिसका दाम बाजार मूल्य से 5 गुना अधिक था। 12 रुपये प्रति लीटर मिलने वाला सोडियम हाइपोक्लोराइड 60 रुपये की दर से खरीदा गया ,जिसमें लाखों रुपये का चूना लगाया गया। लेकिन इस मामले को लेकर भी जांच नहीं की गई|

इसके अलावा उन्होंने नाइट कर्फ्यू पर भी सवाल खड़े किए| रविंद्र जुगरान ने कहा कि नाईट कर्फ्यू का राजधानी में कोई औचित्य नही है। उन्होंने बताया कि देहरादून में महज 1 प्रतिशत लोग ही रात को बाहर रहते हैं। जबकि दिन के समय ज्यादा भीड़ रहती है| इसलिए सरकार को दूसरे राज्यों की नकल नहीं करनी चाहिए| उन्होंने कहा कि नाइट कर्फ्यू को लेकर लोगों के मन में डर बन सकता है जो सही नहीं है|  उन्होंने कहा कि सरकार दूसरे राज्यों को देखकर फैसला न लें बल्कि अपने प्रदेश के हालातों के मुताबिक कोई भी फैसला तय करे|