शंखनाद  INDIA/ बागेश्वर : “डिप्रेशन” सुनने में जितना ही ज्यादा अजीब लगता है, उससे कई ज्यादा इससे जो भी लोग ग्रसित हैं उनके ऊपर हावी होता है। जब भी कोई डिप्रेशन का शिकार होता है तो उनके मन में केवल एक ही विचार आता है। वे विचार होता है अपने आप को मौत के घाट उतार देना डिप्रेशन शिकार लोगों को लगता है कि उन्हें यह जिंदगी घुट-घुट कर जीने से तो अच्छा है कि एक ही बार में जिंदगी को खत्म कर दिया जाए ऐसा ही उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से सामने आ रहा है जहां पर एक महिला ने अपने आप को डिप्रेशन के शिकार होने की वजह से फांसी में लटका लिया जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा उन्होंने अपने आप को फांसी के तख्ते तक पहुंचा के अपने आप को मौत के घाट उतार दिया । चलिए शंखनाद न्यूज़ आपको इस घटना से पूरा रूबरू करवाते हैं…….

बागेश्वर जिले के घिंघारुतोला के अंतर्गत सिमखेत निवासी महिला ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि महिला डिप्रेशन का शिकार थी और उसका शव घर के अंदर लटकता हुआ मिला। महिला ने डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर अपनी ज़िंदगी समाप्त कर ली। जब महिला का पति घर आया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। राजस्व पुलिस घटना की जांच में जुट चुकी है। मौत का कारण लंबे समय से महिला का डिप्रेशन में रहना माना जा रहा है। महिला की पहचान बागेश्वर के दफौट क्षेत्र के सिमखेत निवासी 50 वर्षीय मुन्नी जोशी पत्नी राधाकृष्ण जोशी के रूप में हुई है। मुन्नी जोशी ने बीते दिन अपने पति की गैरमौजूदगी में घर मेें रस्सी से फांसी लगाकर ज़िंदगी का अंत कर दिया। घटना के समय उनके पति स्कूल में थे। उनकी बहू और बेटा दो दिन पूर्व दिल्ली चले गये थे। स्कूल से घर लौटे पति ने घर का दरवाजा खोला तो उनके होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत ही पुलिस को इस मामले में सूचित किया। सूचना पर एसआई जगत कोरंगा मौके पवर पहुंचे। उन्होंने शव को फंदे से नीचे उतारा। इसके बाद पुलिस ने पंचनामा भर पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों का कहना है कि मृतका लंबे समय से डिप्रेशन का शिकार थी।

 

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