देहरादून, शंखनाद INDIA/

जब भी कही पर हम कुत्ते ही काटने की खबर सुनते हैं तो हमे अपनी सेफ्टी की भी बात सामने निकलकर आती हैं। जी हां, चलिए आज हम आपको एक ऐसी ही घटना देहरादून जिले से सामने आ रही हैं बताने जा रहे हैं जिसमे उस परिवार के 15 साल के बेटे को कुत्ते ने काट लिया घर वालो ने जब बिल्कुल भी इस ओर ध्यान नहीं दिया तब उस बच्चे की मौत ही हो गयी। शंखनाद न्यूज़ के साथ बने रहे आपको हम पूरी घटना को संक्षेप में समझाते हैं। ……..

करीब एक माह पहले उसे पागल कुत्ते ने काट लिया। इस मामले में गलती कहीं न कहीं उसके परिवार वालों की भी है। परिवारवालों ने कुत्ते के काट लेने की घटना को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें लगा कि ये सामान्य बात है, नीरज ठीक हो जाएगा, दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। दो दिन पहले नीरज को बुखार आया। साथ ही वह पानी से डरने लगा। इस पर नीरज को सीएचसी विकासनगर उपचार के लिए ले जाया गया, जहां वह पागलों जैसी हरकतें करने लगा। नीरज की हालत लगातार बिगड़ रही थी। बाद में डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए और नीरज को हायर सेंटर रेफर कर दिया, जहां नीरज ने शुक्रवार देर रात को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

परिवार की लापरवाही की वजह से हुई नीरज की मौत …..

परिजनों ने लापरवाही न बरती होती और नीरज को समय पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाई होती, तो शायद उसकी जान बच जाती। यहां आपको रैबीज के बारे में कुछ काम की बातें बताते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि ये सिर्फ कुत्ते के काटने से होता है, लेकिन बिल्ली, बंदर, गीदड़, लोमड़ी या नेवले के काटने से भी रैबीज हो सकता है। यह एक विषाणु जनित रोग है। जो कि किसी जानवर के काटने से स्वस्थ व्यक्ति या पशु के शरीर में प्रवेश करते हैं और नाड़ियों से मस्तिष्क में पहुंचकर उसमें बीमारी के लक्षण पैदा करते हैं। अगर कभी कुत्ता काट ले तो घाव को 15 मिनट तक साफ पानी से धोएं। 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज की पहली डोज लगवाएं। इसके बाद कुछ समय के अंतराल पर फिर से वैक्सीन लगवानी होती है। झाड़-फूंक और घरेलू उपचार के चक्कर में न पड़ें, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

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