शंखनाद INDIA/ उधम सिंह नगर : हम आज आपको आज एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जो कि उत्तराखंड के राज्य बनने से पहले की है जी हां, आपने बिल्कुल सही पढा इस समय जो खबर हम आपके साथ साझा करने वाले हैं वह उत्तराखंड राज्य को बनाने में 100 सालों का संघर्ष क्यों लगा वह हम बताने वाले हैं। आपको 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश राज्य से अलग होकर उत्तराखंड राज्य की स्थापना के बारे में पता होगा। वहीं अब सर्वप्रथम मांग 1807 में इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया के समय रखी गई थी। इसी दौरान उत्तराखंड 25 जुलाई 1979 को उत्तराखंड क्रांति दल की स्थापना हुई और इस दल में उत्तराखंड राज्य की स्थापना को एक तेज धार मिली है संपूर्ण जानकारी को हम आपको विस्तार में बताते हैं……
- 1980 में जन जागरण अभियान की शुरुआत कर उत्तराखण्ड क्रान्ति दल ने इस मांग को जन-जन तक पहुंचाया।
- 90 का दशक आते-आते उत्तराखण्ड राज्य की मांग अपने चरम पर पहुंच चुकी थी।
- “कोदा-झंगोरा खाएंगे, उत्तराखण्ड बनाएंगे” और “आज दो अभी दो उत्तराखण्ड राज्य दो” जैसे नारे गूंज रहे थे।
- 90 के दशक में दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजनीति में लोकदल के विधायक के रूप में कदम रखने वाले मुलायम सिंह यादव अपनी अलग पार्टी स्थापित करने में लगे हुए थे।
- 04 अक्टूबर 1992 को मुलायम ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की। 04 दिसंबर 1993 को मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
- मुलायम पहाड़ के लोगों की मांग पर कह चुके थे- “मैं उनकी परवाह क्यों करूं, कौन सा उन्होंने मुझे वोट दिया था।”
- शुरू से ही मुलायम का रवैया पहाड़ और पहाड़ के लोगों को नज़रअंदाज़ करने वाला रहा।
- इस बात ने पहाड़ के लोगों में उत्तराखण्ड राज्य की मांग को तीव्र कर दिया।
- उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों ने 02 अक्टूबर 1994 को दिल्ली में प्रदर्शन करना तय किया।