शंखनाद INDIA/ रुद्रप्रयाग :
उत्तराखंड में लगातार बारिश के सिलसिला जारी होने के साथ ही भूस्खलन और भूकंप जैसी प्राकर्तिक घटना भी सामने आ रही हैं। वही शंखनाद आपके साथ अपनी एक रिपोर्ट बताना चाहता हैं। जिसमे वह आपको बता सकता हैं की वैज्ञानिको की माने तो उनका कहना हैं कि उत्तराखंड में 8 रेक्टर का भूकंप आने की सम्भावना बन रही हैं। बीते शुक्रवार की बात करे। …… तो उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उत्तराखंड की केदारघाटी में सुबह तकरीबन 6 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
जानते हैं विज्ञानिको का क्या मानना हैं ……..
वैज्ञानिकों ने भविष्य में उत्तराखंड में भारी भूकंप की चेतावनी दी है जो कि बड़ी तबाही ला सकती है। नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट और अलकनंदा फॉल्ट में हर वर्ष भूगर्भीय हलचल से साढ़े 4 मिमी धरती उठ रही है। यह भविष्य में 8 रिक्टर स्केल तक का बड़ा भूकंप ला सकता है। भूगर्भीय सक्रियता के कारण श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच धरातल प्रति वर्ष 4 मिलीमीटर उठ रहा है। वही एक परिचित अख़बार ने अपने प्रकाशन में यह भलीभांति छापा हैं हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है। उनके द्वारा किए गए शोध में जिस प्रकार के आंकड़े सामने आए हैं, उनसे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। भू वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह पता लगा है कि नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट और अलकनंदा फॉल्ट में हलचल हो रही है, जिस वजह से हर वर्ष साढे 4 मिली मीटर धरती उठ रही है। न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक भू वैज्ञानिकों का कहना है कि अल्मोड़ा थ्रस्ट और रुद्रप्रयाग फॉल्ट गढ़वाल के श्रीनगर क्षेत्र के सुपाणा से गुजर रही है। इसमें हो रही भूगर्भीय हलचलों की वजह से उत्तराखंड में भविष्य में भारी तबाही मच सकती है। गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यशपाल सुंदरियाल का कहना है, कि श्रीनगर, रुद्रप्रयाग की धरती पर लगातार दबाव पड़ने के कारण पृथ्वी के गर्भ में बड़ी मात्रा में ऊर्जा जमा हो रही है और उस वजह से क्षेत्र में बड़े भूकंप की आशंका पैदा हो गई है। वहीं वैज्ञानिकों का कहना है नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट रुद्रप्रयाग श्रीनगर से होकर टिहरी झील से होते हुए उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ से होते हुए टौंस नदी तक फैला हुआ है। ऐसे में उत्तराखंड के ऊपर भूकंप का एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है।