उत्तर प्रदेश में ठाकुरवाद किस कदर कहर ढा रहा है दस दिन पहले की यह खबर उसका एक बड़ा उदाहरण है। यह जो बिस्तर पर लेटा है दलित पत्रकार है।बीजेपी के महाराजगंज मंडल अध्यक्ष यादवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दलित पत्रकार और बहुजन इंडिया 24 न्यूज के जौनपुर ब्यूरो चीफ संतोष कुमार की बेरहमी से पिटाई कर दोनों पैर तोड़ डालने का मामला सामने आया है. मारपीट के बाद संतोष को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इस बारे में संतोष ने कारवाँ मैगजीन को बताया है कि उनके गांव की महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर हो रहे पंचायत चुनाव में उनकी पत्नी रेशमा भी उम्मीदवार थीं. चूंकि यादवेंद्र की पत्नी अनामिका भी चुनावी मैदान में थीं तो 26 मार्च 2021 को यादवेंद्र ने रेशमा को चुनाव न लड़ने की धमकी दी.

संतोष का कहना है कि उससे एक दिन पहले 25 मार्च को यादवेंद्र ने उनके घर आकर चुनाव लड़ने पर जान से मरवा देने की धमकी भी दी थी. उन्होंने बताया, “हमारे घर की बकरी को भी यादवेंद्र के आदमी उठा ले गए.” उन्होंने आगे कहा, “हमने थाने में जाकर लिखित शिकायत दी लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई. कप्तान साहब को भी लिखा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए मेरे पूरे परिवार ने शिकायत लिखाई पर कुछ नहीं किया गया.”जब उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की घोषणा हुई तब संतोष ने भी अपनी पत्नी रेशमा को गांव की आरक्षित महिला सीट से चुनाव लड़वाने का फैसला किया था. उसी गांव से ठाकुर जाति के बीजेपी के महराजगंज मंडल अध्यक्ष यादवेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी अनामिका भी चुनाव लड़ रही थीं.

संतोष ने बताया, “26 तारीख को मैं अपने दोस्त के साथ दवा लेकर आ रहा था. मैं मोटरकाइकिल के पीछे बैठा था. जब हम डेलूपुर की पुलिया पर पहुंचे तब बीजेपी नेता यादवेंद्र और उनके साथ 14 अन्य लोग वहां मौजूद थे. जिनमें से मैं 10 को पहचानता था. उन 14 लोगों ने मुझे इतना पीटा कि मैं बेहोश हो गया. मुझे जातिवादी और मां-बहन की गालियां दीं. मेरे शरीर पर कई गंभीर चोटें आईं और मेरे दोनों पैरों की हड्डियां टूट गईं.” पुलिस कह रही भाजपा नेता का नाम हटाओ तभी एफआईआर दर्ज होगी।

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