उधम सिंह नगर,शंखनाद INDIA/

कभी पंचर लगाने वाले मनोज ने आज उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिखाया है। जी हां, आज उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है आज मनोज सरकार में टोक्यो पैरालंपिक्स में कांस्य पदक जीत कर उधम सिंह नगर जिले का भी नाम रोशन कर दिया है। कभी लगड़ा कहकर उससे चिढ़ाते थे दोस्त आज वह अपने सपनो को पूरा कर घर लौट आया है। मनोज सरकार उत्तराखंड के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। आज हम मनोज की सफलता देख रहे हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए मनोज ने कितना संघर्ष किया, इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। रुद्रपुर के गरीब परिवार में जन्मे मनोज सरकार को आर्थिक तंगी के चलते बचपन में पंचर जोड़ने, खेतों में दिहाड़ी मजदूरी करने और घरों में पीओपी के काम करने पड़े थे.

बच्चे लंगड़ा कहकर भी चिढ़ाया करते थे …. 

उन्होंने बैलगाड़ी से मिट्टी की ढुलान भी की है। मनोज को बचपन से बैडमिंटन खेलने का शौक था, लेकिन पांव की कमजोरी के चलते तमाम दिक्कतें थीं। साथी बच्चे उन्हें लंगड़ा कहकर चिढ़ाया करते थे। अगर उनकी शटल टूट जाती तो बच्चे उन्हें अपने साथ खेलने भी नहीं देते थे। अपाहिज होने के तानों से तंग आकर मनोज ने बैडमिंटन खेलने का विचार छोड़ दिया था। फिर टीवी में बैडमिंटन की वॉल प्रैक्टिस (दीवार में शटल को मारकर प्रैक्टिस) देखने के बाद उन्होंने घर पर ही अभ्यास शुरू किया। बचपन के संघर्ष की बदौलत वो आज शानदार मुकाम हासिल कर पाए हैं। मनोज अभी तक 33 देशों में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं खेल चुके हैं। जबकि 47 मेडल अर्जित किए हैं। ।

 

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