उत्तराखंड में स्कूलों को खोलने के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
आधी अधूरी तैयारियों से लगातार कोर्ट की फटकार के बाद भी असंवैधानिक निर्णयों के बाद भी क्या सरकार को बनें रहने का अधिकार है, जिनको वैक्सीन लग चुकी है उनके कालेजों को अक्टूबर के बाद खोला जाएगा और जिनके लिए वैक्सीन ही नहीं बनी है उन्हें खोला गया है…?
देहरादून निवासी विजय सिंह पाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वमार् की युगलपीठ में आज सुनवाई हुई, याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना महामारी के बीच विगत 31 जुलाई को एक आदेश जारी कर प्रदेश में ०2 अगस्त से नौवीं से बारहवीं कक्षा और आगामी 16 अगस्त से कक्षा छठी से आठवीं तक की कक्षायें शुरू करने का निर्णय लिया गया है…?
याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया है कि 31 जुलाई के आदेश में जहां एक ओर 18 वर्ष की उम्र से कम के बच्चों के टीकाकरण के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गयी है वहीं स्कूलों में सुरक्षा के लिहाज से सेनिटाइजर, मास्क और सामाजिक दूरी का पालन कराने के संबंध में भी कुछ नहीं कहा गया है याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि यह बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है….
अंत में अदालत ने राज्य सरकार से याचिकाकर्ता की ओर से उठाये गये सभी बिन्दुओं पर 17 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।