शंखनाद INDIA/ देहरादून

देश में कोरोना से चारों तरफ बुरा हाल है|  हर कोई कोरोना के डर से अब घरों से निकलने में डर रहा है| आमजन से लेकर सरकार तक कोरोना को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं| कोरोना को खत्म करने के लिए लाख कोशिशें की जा रही है लेकिन कोरोना पर रोक लगाने में कोई कोशिश अभीतक सफल नहीं हो पाई है| सरकार बढ़ते कोरोना को लेकर चिंतित है| 1 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन कोरोना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है| जैसे जैसे दिन बढ़ रहे हैं कोरोना लगातार देश में अपने पैर पसारता चले जा रहा है| पिछले साल कोरोना के कारण अभीतक कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है| देश में कोरोना के बाद अभी तक काफी नुकसान हो चुका है| लोगों की नौकरियां चली गई है| गरीब के सामने कई परेशानियां खड़ी हो चुकी हैं| हर तरफ हर कोई परेशान है लेकिन कोरोना थम नहीं रहा है| हालांकि लंबी लड़ाई के बाद कोरोना से थोड़ी निजात जरूर मिली थी लेकिन लोगों की लापरवाही के चलते कोरोना ने एक बार फिर से देश में दस्तक दे दी है|

कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है| कोरोना की दूसरी लहर में अभीतक काई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है| कई लोग आज भी कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं| देश के कई राज्यों में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के हालात पैदा हो गए हैं| सरकार लगातार कोरोना को लेकर पाबंदिया बढ़ाई जा रही है| सरकार लोगों से लगातार यही अपील कर रही है कि कोरोना को लेकर कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करें| मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें| जरूरी काम पड़ने पर ही घरों से बाहर निकलें| भीड़भाड़ वाले इलाकें में एकत्रित न हों|

हालांकि सरकार ने कोरोना को खत्म  करने के लिए कोविशील्ड वैक्सीनेशन के अभियान की भी शुरूवात की है| सरकार देश के लोगों से कोरोना का टीका लगाने के लिए बार बार अपील कर रही है जिससे कोरोना पर रोक लगाने में सरकार को आमजन की मदद मिल सके| देश के कई राज्यों में कोरोना को लेकर स्थिति काफी भयावह नजर आ रही है| चारों तरफ राज्य सरकारों द्वारा कोरोना को लेकर सख्त नियम बनाए जा रहे हैं| देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना लगातार अपने पैर पसार रहा है| कोरोना के मामले प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं| बढ़ते कोरोना के मामलो को लेकर सरकार की परेशानियां भी लगातार बढ़ती जा रही है| सरकार लगातार कोरोना को लेकर प्रदेश में कई पाबंदियां लगा रही है| लेकिन कोरोना के मामले फिर भी लगातार बढ़ रहे हैं|

उत्तराखंड में इन दिनों महाकुंभ का भी आयोजन किया जा रहा है| कुंभ में शामिल होने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़े लगातार बढ़ रहा है| हालांकि सरकार की तरफ से कुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना के कड़े नियम बनाए गए हैं| सरकार ने कुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट को जरूरी रखा है| लेकिन फिर भी जिस तरह कुंभ में लोगों की भीड़ एकत्रित हो रही है कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं| सरकार कोरोना को लेकर श्रद्धालुओं से मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग  का खास ख्याल रखने की अपील की जा रही है| लेकिन फिर भी लोग कहीं ना कही बेपरवाह होते नजर आ रहे हैं और यही एक वजह है कि प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है|

कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में पर्यटन कारोबार पर खासा असर पड़ा है| दरअसल कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए नियमों में सख्ती अपनाई हैं| ऐसे में लोग उत्तराखंड में आने के लिए कतरा रहे हैं| हालांकि लोगों में कोरोना को लेकर डर का माहौल भी बना है जिससे लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं| ऐसे में उत्तराखंड में जितने भी पर्यटन स्थल हैं वह सूने पड़े हैं| हर समय लोगों की भीड़ से भरे रहने वाले स्थल आज सुनसान सड़कों में तब्दील हो चुके हैं| व्यापारी सिर्फ एक आस  लगाकर बैठे हैं कि शायद कोई पर्यटक आए लेकिन बढ़ते कोरोना के चलते उन्हें केवल निराशा ही हाथ लग रही है| हमेशा लोगों से गुलजार रहने वाली सड़के आज सूनी पड़ी हैं| लोगों की आवाज से हमेशा गूंजने वाले स्थलों में आज केवल पक्षियों की चहचहाहट सुनाई पड़ रही है|

उत्तराखंड में सैलानियों से गुलजार नैनीताल और इसके आसपास के पिकनिक स्पॉट वीरान पड़े हैं| यहां एक भी पर्यटक नजर नहीं आ रहा है| नैनीताल, भीमताल झील समेत तमाम बाजारों में सन्नाटा पसरा है| पिछले साल जितनी तेजी से कोरोना के मामले बढ़े उतनी तेजी से लोगों के रोजगार भी बंद हो गए| व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया| लॉकडाउन की घोषणा के बाद व्यापारियों को घरों में कैद रहना पड़ा| हमेशा सैलानियों से भरे रहने वाले होटलों को भी बंद कर दिया गया| इस दौरान जो कर्मचारी इन होटलों में काम करते थे उनके लिए परेशानी बढ़ गई| उन्हें निराशा हाथ लेकर अपने घर का रूख करने पर मजबूर होना पड़ा| नैनीताल में जो बाजार हमेशा पर्यटकों के शोर शराबे से गूंजते रहते थे वहां आज एक भी पर्यटक की आवाज तक नहीं सुनाई दे रही है| बाजारों में बड़ी दुकानों से लेकर सड़कों पर ठेली लगाने वाले व्यापारी कोरोना से नुकसान की मार झेल रहे हैं|

वहीं बात करें अगर मसूरी की| तो मसूरी भी उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है| यहां हर मौसम में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है| हर तरफ सैलानियों की गूंज से बाजारों में रौनक बनी रहती है| मसूरी के सभी होटल पर्यटकों से भरे रहते थे| मसूरी की मॉल रोड़ में सुबह से शाम तक पर्यटकों की लंबी लाइन लगी रहती थी| दुकानों में खरीददीरों की लंबी लाइन से सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती थी लेकिन आज अगर मसूरी की रोड़ों को देखे तो यहां सिर्फ और सिर्फ सन्नाटा पसरा है| हर एक व्यापारी सैलानियों की आस में टकटकी लगाए बैठा है| लगातार कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग अपनी एडवांस बुकिंग को भी कैंसिल करा रहे हैं|

इस साल थोड़ा स्थिति सुधरी तो कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर व्यापारियों के कारोबार को ठप कर दिया| पर्यटन व्यवस्थाएं कुछ पटरी पर आई तो इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने सीजन की तैयारी शुरू की। लेकिन फिर से कोरोना के पैर पसारने से अचानक सैलानियों की संख्या घट गई। सुबह से लेकर शाम तक मॉलरोड़ में सैलानियों की भीड़ के चलते पैर रखने की भी जगह नहीं होती थी। लेकिन आज स्थिति यह है कि यहां रोड़ पर एक पर्यटक की आवाज तक नहीं सुनाई दे रही है| कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण अप्रैल की 40 फीसदी एडवांस बुकिंग रद्द हो चुकी है। मसूरी में छोटे-बड़े तमाम होटलों में 70 से 80 प्रतिशत कमरे खाली हैं। विदेशी ट्यूरिस्ट और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटक स्थलों पर जाने से कतरा रहे हैं। मई जून की बुकिंग भी लगातार रद्द हो रही हैं।  सैलानी लगातार एडवांस बुकिंग निरस्त करा रहे हैं। जिससे व्यापारियों के हाथ केवल निराशा ही हाथ लग रही है| वहीं रोजगार में भी इसका सीधा असर देखा जा रहा है। मसूरी में होटल और रेस्टोरेंट स्वामी अपने स्टाफ की छटनी करने को मजबूर है।

दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए नियमों को कड़ा रखा है| जिस वजह से लोग उत्तराखंड में आने से कतरा रहे हैं| जो लोग उत्तराखंड घूमने के लिए आना भी चाह रहे है तो उनसे कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट मांगी जा रही है जिससे सैलानी वापस अपने राज्यों की तरफ बढ़ रहे हैं| सिर्फ दूसरे राज्यों के पर्यटकों के लिए ही कोरोना के नियम कड़े नहीं हैं| बल्कि राज्य में रह रहे सैलानियों को भी कोरोना के नियमों को लेकर सख्त हिदायत दी गई है| जिस कारण लोग घर से बाहर निकलने के लिए सोच रहे हैं और नियमों को देखकर अपने घूमने के प्लान को कैंसिल करने पर मजबूर हो रहे हैं|

सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर राज्य में कई सख्त पाबंदियां लगाई गई है|  लोगों के मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किए हैं| जगह जगह पर पुलिस कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर उनका चालान कर रही है जिससे लोग डर रहे हैं| कोरोना के बढ़ते मामलों और सख्त नियमों को देखते हुए लोग अपने घरों में दुबक कर बैठें हैं और व्यापारी पर्यटकों की आस में दुकानों को खोलकर खाली बैठने में मजबूर हैं| हालांकि जिस तरह से इस समय उत्तराखंड कोरोना की मार झेल रहा है उससे तो अभी यही लग रहा है कि फिलहाल व्यापारियों को इसी तरह महामारी की मार को अपने व्यापार में झेलना पड़ेगा| हालांकि यह दौर कबतक चलेगा इसका अभी कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है|

सरकार की तरफ से कोरोना पर रोकथाम को लेकर हर संभव कोशिश तो की जा रही है लेकिन कहीं ना कहीं लोगों की ही लापरवाही के चलते यह कोशिशें कामयाब नहीं हो पा रही है| फिलहाल लोगों को जितना कम हो सके घरों से बाहर निकलने की जरूरत है| साथ ही अगर कोई घर से बाहर निकल भी रहा है तो उसे कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा जिससे प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के प्रयास जो सरकार कर रही है उसे कामयाब बनाया जा सके| सरकार की कोशिशों में आमजन की भागीदारी बेहद अहम हैं| जब हम खुद से कोरोना को लेकर सजग होंगे और कोरोना के नियमों का ठीक प्रकार से पालन करेंगे तो ही संभव कि कोरोना से लोगों को निजात मिल पाएगी| बहरहाल अब देखना यह होगा कि आखिर कबतक व्यापारियों को कोराना महामारी के कारण मंदी का दंश झेलना पड़ेगा|