शंखनाद INDIA/ देहरादून
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में आग लगने की घटनाओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं| जंगलों में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं को लेकर सरकार की परेशानी बढ़ रही है| जंगलों को आस पास रह रहे लोगों में भी आग की घटनाओँ को लेकर दहशत फैली हुई है| जंगलों में लग रही आग से न केवल वन सम्पदा की हानि हो रही है, बल्कि जन हानि और वन्य जीवों को भी नुक़सान हो रहा है। जंगलों में लग रही आग से अभी तक लोगों को भारी नुकसान हुआ है| जंगलों में आग इतनी भयानक तरह से फैल रही है कि अभी तक कई पशु-पक्षी भी अपनी जान गवां चुके हैं| जंगलों में लग रही यह आग अब लोगों को घरों तक पहुंच रही है जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है|
जनवरी से लेकर अब तक जंगलों में आग की कुल 1028 घटनाएं सामने आई है। इसमें रिजर्व फॉरेस्ट में आग लगने के मामले में गढ़वाल मंडल का पौड़ी जिला और कुमाऊं का नैनीताल सबसे ज्यादा हैं। जंगलों में लगी रही आग से अभीतक लाखों रूपयों का नुकसान हो चुका है| साथ ही आग लगने से कई पशु घायल हुए है तो कई पशुओँ की मौत भी हो चुकी है| वहीं पिछले 24 घंटे में ही आग के करीब 45 मामले सामने आए जिससे 69 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। पिछले 24 घंटे में आरक्षित वन क्षेत्र में 40 और सिविल/वन पंचायत क्षेत्र में आग के पांच मामले सामने आए हैं। इनमें से 26 मामले गढ़वाल मंडल और आठ मामले कुमाऊं मंडल के हैं। 11 मामले अन्य स्थानों से सामने आए।
जंगलों मे बढ़ रही आग से सरकार की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही है| हालांकि सूबे के सीएम तीरथ सिंह रावत ने जंगलों में लग रही आग पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी थी| जिस पर गृहमंत्री अमित शाह ने जंगलों की आग को बुझाने के लिए उत्तराखंड सरकार को दो सेना के हेलीकॉप्टर दिए हैं| सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से अब उत्तराखंड के जंगलों में लग रही आग पर काबू पाने की कोशिश की जाएगी| केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए उपलब्ध कराए गए दो हेलीकॉप्टर में से एक हेलीकॉप्टर आज सुबह देहरादून पहुंच चुका है, जबकि दिल्ली से एक हेलीकॉप्टर अभी और आना बाकी है| इन दो हेलीकॉप्टर में से एक गढ़वाल तो दूसरा कुमाऊं के जंगलों की आगग को बुझाने का काम करेगा|
प्रदेश में लगातार बढ़ रही जंगल की आग को देखते सीएम तीरथ सिंह रावत ने वन विभाग के सभी अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ हुई आपात बैठक में यह आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शासन, पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, सभी जिलाधिकारियों के साथ वनाग्नि प्रबंधन की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए। साथ ही फायर वॉचर को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं की जानकारी कंट्रोल रूम को तुरंत मिलनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा गया है कि जंगलों की आग बुझाने के लिए वन पंचायतों सहित स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिया जाए, लेकिन बच्चे और बुजुर्गों को आग बुझाने के काम में न लगाया जाए|