शंखनाद INDIA/ देहरादून

उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है| इस दौरान कुंभ में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न राज्योंसे श्रद्दालु पहुंच रहे हैं| मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओँ के लिए सरकार की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं| हालांकि सरकार ने मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं से कोरोना को लेकर नियमों का पालन करने की अपील की है| साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओँ सो कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट को लाना अनिवार्य किया गया है| सरकार की कोशिश है कि प्रदेश को कोरोना महामारी से बचाया भी जाए है कुंभ को सफल भी बनाया जाए|

सरकार ने कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओँ के लिए सुविधा और सुरक्षा को लेकर हर तरह के इंतजाम किए हैं जिससे कि कुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओँ को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े| वहीं अब महाकुंभ के शाही स्नान पर यात्रियों को पार्किंग से घाटों तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। इसके लिए 12 और 14 अप्रैल को 700 बसों की शटल सेवा का संचालन करने का फैसला लिया गया है| जिससे यात्रियों को स्नान के लिए ज्यादा दूर तक पैदल सफर ना करना पड़े| बसों के संचालन की जिम्मेदारी मेला पुलिस को दी गई है।

दरअसल, महाकुंभ मेला के दौरान शाही स्नान पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हो जाती है। ऐसे में सड़कों पर यात्रियों का दबाव बढ़ जाने पर ऑटो और ई-रिक्शा का संचालन भी बंद कर दिया जाता है। इससे यात्रियों को घाटों तक पहुंचने में कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता हैं। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है| ऐसे में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए 700 बसों की शटल सेवा का संचालन करेन का निर्णय लिया गया है|

यह बसें रेलवे स्टेशनों व पार्किंगों से श्रद्धालुओं को घाटों पर लेकर जाएंगी। यह बसें श्रद्धालुओं को वापस भी छोड़ेंगी। आईजी कुंभ मेला के निर्देश पर बसों के रूट निर्धारित किए जा रहे हैं। बसों के चालकों व परिचालकों के खाने व ठहरने की व्यवस्था परिवहन निगम को करनी होगी। बस अड्डा भी ऋषिकुल में बना दिया जाएगा। उत्तराखंड परिवहन निगम की जिन बसों में जीपीएस नहीं होगा। उनमें जीपीएस लगवाया जाएगा। जिससे बस की लोकेशन का आसानी से पता चल सके|