शंखनाद INDIA / चौखुटिया/ गणेश जोशी/
सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते गेहूं फसल सूखने के कगार पर
रामगंगा बाई नहर मेंहेतु पानी नहीं आने से तल्ला गेवाड़ के काश्तकारों की गेहूं फसल सूख रही है। बार-बार मांग करने के बाद भी सिचाई पानी नहीं आने से कास्तकार आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर हैं।
विकासखंड की सबसे लगभग 15 किलोमीटर लंबी नहर से दर्जन से ऊपर ग्राम पंचायतों की सिंचाई होती है खरीफ फसल (धान रोपाई )के दौरान तो हमेशा ग्रामीणों को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ती है।
चंदन सिंह बिष्ट क्षेत्र पंचायत सदस्य भगोती
बार-बार मांग के बाद रामगंगा बाई नहर में पानी नहीं चलाया जा रहा है। गेहूं की फसल सूखने लगी है। शीघ्र पानी नहीं चलाया गया तो जन आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। विभागीय अभियंता मरम्मत कार्य का हवाला दे रहे हैं।
लगातार पानी नहीं मिल पाता है लेकिन इस वर्ष गेहूं (रवि फसल) में भी सिचाई पानी नहीं मिल पा रहा है जिससे भट्टकोट ,रीठाचौरा,पटलगांव, भगोती, जेठुआ, झुडूंगा, खनुली, मासी ,चौना ग्राम पंचायतों की गेहूं फसल सूखने के कगार पर है। लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण इस बार काश्तकारों को मौसम व सिंचाई विभाग की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि राम गंगा बाई नहर में शीघ्र सिचाई पानी नहीं चलाया गया तो जन आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। साथ ही बताया विभागीय अभियंता मरम्मत के नाम पर हर वर्ष लाखों रुपया खर्च करते हैं लेकिन जरूरत के समय काश्तकारों को सिचाई पानी नहीं मिल पाता है, कास्तकारो का कहना है कि कृषि क्षेत्र में अग्रणी गेवाड़ घाटी के ग्रामीण कभी मौसम, जंगली जानवर व अब सिंचाई विभाग की कार्यशैली के चलते खेती छोड़ने को मजबूर हैं।