शंखनाद INDIA / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में आपदा से हुई जन-धन हानि के साथ खोज, बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी दी। साथ ही राज्य के सीमित संसाधनों का हवाला देते हुए केंद्र से अधिक मदद की पैरवी की। उधर, दिल्ली दौरे के तीसरे दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की केंद्रीय मंत्रियों से ताबडतोड़ मुलाकात में उत्तराखंड के खाते में आधारभूत सुविधाओं के विकास की महत्वपूर्ण योजनाएं जुड़ गई। करीब ढ़ाई हजार करोड़ की धनराशि से प्रस्तावित ये योजनाएं जुड़ गई। करीब ढाई हजार करोड़ की धनराशि से प्रस्तावित ये योजनाएं धरातल पर उतरीं तो राज्य की सूरत में बड़ा बदलाव दिखाई पड़ सकता है।
चमोली मे आपदा के दौरान केंद्र सरकार से तत्काल सहायता के लिए उनका आभार जताया । उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित 13 गांवों में जल व विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई है तीन गांवों मे आवगमन को ट्राली चलाई जा रही है। समुचित मात्रा में खाद्यान्न व रसद की आपूर्ति की जा रही है। ऋषिगंगा के मुहाने पर अस्थायी झील की निरंतर निगरानी वैज्ञानिक कर रहे है। झील से जल निकासी को और अधिक बढ़ाने की कोशिशें जारी है। उन्होंने राज्य में हिमनद एवं जल संसाधन केद्र बनाने की आवश्यकता जताई।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कुंभ मेले के साथ श्रीबदरीनाथ व श्रीकेदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। राज्य के सीमित संसाधन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण के मामलों मे राज्य की परियोजनाओं को केंद्र की परियोजनाओं की तर्ज पर डिग्रेडेड फारेस्ट पर क्षतिपूरक पौधरोपण करने की नीति पर बल दिया। उधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली दौरे के बाद मंगलवार देर शाम देहरादून लौट आए।
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