देहरादून। काठ बंगला बस्ती में कई परिवारों को एमडीडीए द्वारा जारी बेदखली नोटिस के खिलाफ दून समग्र विकास अभियान से जुड़े लोगों ने गुरुवार को जोरदार विरोध जताया। आक्रोशित लोग गांधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें कालीदास रोड पर ही रोक दिया। बाद में प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सीएम हाउस बुलाया गया, जहां उन्होंने जन संपर्क अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में निवासियों ने मांग की कि बेदखली के नोटिस तत्काल रद्द किए जाएं। उन्होंने 2018 के अधिनियम की धारा 4 का हवाला देते हुए कहा कि 11 मार्च 2016 से पहले से रह रहे परिवारों को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। विरोध करने वालों ने बताया कि एमडीडीए के नोटिस में भी यह स्वीकार किया गया है कि प्रभावित परिवार 11 मार्च 2016 से पहले से यहां रह रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें 15 दिन के भीतर घर खाली करने का आदेश दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम की ओर से वैकल्पिक आवास के लिए जिन फ्लैटों का जिक्र किया गया है, वे न तो रहने लायक हैं और न ही सुरक्षित। उनका कहना है कि फ्लैट पुरानी इमारत में बने हैं और नदी के बीच वाली लोकेशन होने के कारण उनमें खतरा बना रहता है।
इस दौरान सर्वोदय मंडल उत्तराखंड के हरबीर सिंह कुशवाहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रवीण त्यागी, संजय शर्मा, देवेंद्र सिंह, नेमचंद सूर्यवंशी, सुनीता प्रकाश, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. एसएन सचान, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, राजेंद्र शाह, रमन, सुनीता और राजेश्वरी सहित कई लोग मौजूद रहे।
