देहरादून। प्रदेश में लाखों लोगों के लिए सरकारी राशन व्यवस्था पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार अब भी करीब 26 लाख लोगों का ई-केवाईसी सत्यापन लंबित है। विभाग ने पहले 30 नवंबर तक की समयसीमा तय की थी, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों के छूट जाने के बाद इसे बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया गया है।

सरकार का उद्देश्य है कि पात्र लाभार्थियों को सही मात्रा में राशन उपलब्ध कराया जाए और कोई भी फर्जी पहचान का उपयोग न कर सके। इसी लक्ष्य के तहत पूरे प्रदेश में राशन कार्डधारकों की ई-केवाईसी प्रक्रिया अनिवार्य की गई है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व निर्धारित अंतिम तिथि तक भारी संख्या में लाभार्थी सत्यापन नहीं करा पाए, जिससे विभाग के सामने अब समय पर सभी का सत्यापन पूरा कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष रेवाधर बृजवासी ने कहा कि इतने कम समय में इतने बड़े स्तर पर ई-केवाईसी करना कठिन है। कई लोगों के अन्य राज्यों में रहने, दिव्यांगता, वृद्धावस्था या निधन के बाद भी नाम कार्ड में दर्ज रहने जैसी स्थितियां इस प्रक्रिया को जटिल बना रही हैं।

इस बीच, विभाग ने स्पष्ट किया है कि दिव्यांग और बुजुर्गों का राशन ई-केवाईसी के अभाव में नहीं रोका जाएगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी राशन से वंचित न हो।

आवश्यकता पड़ने पर तिथि और बढ़ाई जा सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इसके बाद भी सत्यापन नहीं होता है, तो माना जाएगा कि संबंधित व्यक्ति को राशन की जरूरत नहीं है और नाम राशन कार्ड से हटाया जा सकता है।

सत्यापन के दौरान अपात्र पाए जाने वालों पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।