देहरादून। मसूरी रोड स्थित एक प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से यौन शोषण और छेड़छाड़ के मामले में पोक्सो कोर्ट ने आरोपी स्वीमिंग कोच को पांच साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। पोक्सो कोर्ट की जज रजनी शुक्ला ने अपने आदेश में पीड़िता को राज्य सरकार से एक लाख रुपये प्रतिकर दिलाने का निर्देश भी दिया।
अभियोजन के अनुसार, 13 दिसंबर 2018 को पीड़िता की मां ने राजपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि स्कूल में नौंवी कक्षा में पढ़ने वाली उनकी 14 वर्षीय बेटी का स्कूल के स्वीमिंग कोच सुरेंद्र पाल सिंह नवंबर 2018 से यौन शोषण कर रहा था।
कोच की हरकतों से पीड़िता मानसिक रूप से परेशान हो गई थी और परीक्षा भी ठीक से नहीं दे पाई थी। पुलिस ने 15 दिसंबर 2018 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जांच पूरी होने के बाद 23 मई 2019 को चार्जशीट दायर की गई और मामला ट्रायल पर आया।
कोर्ट में पीड़िता ने कोच पर गंभीर आरोपों की पुष्टि की और यह भी बताया कि स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की। सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि कोच फोन पर भी पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें करता था।
मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य की भूमिका संदिग्ध पाई गई। न्यायालय ने पाया कि प्रधानाचार्य ने झूठे तथ्यों के आधार पर घटना को छुपाने का प्रयास किया। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ अलग से मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। प्रधानाचार्य को 15 दिसंबर को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी कर दिया गया है।
पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि स्कूल प्रबंधन ने 25 लाख रुपये देकर मामले को रफादफा करने की कोशिश की। ट्रायल के दौरान भी प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई।
