उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों गुलदार और भालू के हमलों में दो महिलाएं गंभीर रूप से प्रभावित हुईं, जिनमें से एक की मौत हो गई। घटनाओं ने स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है और वन विभाग भी अलर्ट पर है।

श्रीनगर: खेत में घास काट रही महिला पर गुलदार का हमला, मौत

गुरुवार शाम श्रीनगर के कोटी गांव में 60 वर्षीय गिन्नी देवी पत्नी सुरेंद्र सिंह पर गुलदार ने उस समय हमला कर दिया जब वह अपनी बहू और अन्य महिलाओं के साथ खेत में घास काट रही थीं। अचानक हुए हमले में गिन्नी देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घटना को देखकर उनकी बहू बेहोश हो गई। ग्रामीणों के शोर मचाने पर गुलदार मौके से भाग गया।

पूर्व प्रधान जगमोहन सिंह पंवार ने बताया कि घटना के बाद पूरा क्षेत्र दहशत में है। डीएफओ पौड़ी अभिमन्यु सिंह के अनुसार, वन विभाग की टीम मौके पर गश्त कर रही है और पीड़ित परिवार को छह लाख रुपये का तत्काल मुआवजा दिया गया है।

चमोली: भालू के हमले में घायल महिला एयरलिफ्ट

इसी बीच चमोली जिले में भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल एक महिला को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। घटना ने पहाड़ों में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को फिर उजागर किया है।

पौड़ी: गुलदार के डर से स्कूल पंचायत घर में शिफ्ट

पौड़ी के पोखड़ा क्षेत्र में गुलदार की दहशत के चलते प्राइमरी स्कूल बासई तल्ली को अस्थायी रूप से पंचायत घर में शिफ्ट किया गया है। विद्यालय प्रबंधन की मांग पर यह निर्णय लिया गया, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इन घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन व वन विभाग के लिए चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि लगातार बढ़ते हमले ग्रामीणों की सुरक्षा और वन्यजीव प्रबंधन दोनों के लिए चुनौती बने हुए हैं।