नैनीताल। अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब अंतिम दलीलों की सुनवाई 17 नवंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट में होगी। आरोपियों ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से सभी दस्तावेजों पर आपत्तियाँ दर्ज करने को कहा।
सरकार की ओर से बताया गया कि निचली अदालत के सभी अभिलेख हाईकोर्ट में जमा करा दिए गए हैं। वहीं, आरोपी पक्ष ने तर्क दिया कि मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह मौजूद नहीं है और सबूतों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
आरोपियों ने यह भी दावा किया कि घटना के वक्त रिजॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद थे और डीवीआर से छेड़छाड़ की गई। जबकि सरकार ने कहा कि फॉरेंसिक जांच और मोबाइल लोकेशन से आरोपियों की मौजूदगी घटना स्थल पर साबित होती है।
गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल जिले की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के यमकेश्वर क्षेत्र स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थीं। सितंबर 2022 में उनकी हत्या के बाद शव चिल्ला नहर से बरामद हुआ था। मामले में रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।