मिस्र में वार्ता की प्रगति
इस्राइल और हमास की शांति वार्ता का आज तीसरा दिन है। यह वार्ता मिस्र के एक होटल में हो रही है। इस वार्ता में अमेरिका, इस्राइल और अन्य मध्यस्थ देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो इस बात का संकेत दे रहे हैं कि वार्ताकार गाजा में युद्ध को खत्म करने के लिए अब तक के सबसे जटिल मुद्दों पर बातचीत करना चाहते हैं।
हमास अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मध्यस्थों से पक्का आश्वासन चाहते हैं कि जब वह बचे हुए सभी बंधकों को छोड़ देगा, तब इस्राइल फलस्तीनी इलाके में फिर से सैन्य अभियान शुरू नहीं करेगा। सभी पक्ष दो साल से जारी इस युद्ध को खत्म करने के लिए समझौते की उम्मीद कर रहे हैं। इस युद्ध में हजारों फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और गाजा पट्टी का अधिकांश हिस्सा तबाह हो चुका है।
हालांकि, शांति योजना के कुछ मुख्य बिंदु अभी भी तय नहीं हुए हैं। इनमें हमास के हथियार छोड़ने, गाजा से इस्राइली सेना की वापसी का समय और सीमा और युद्ध के बाद गाजा को चलाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय निकाय के गठन की शर्त शामिल है।
कतर के प्रधानमंत्री और शीर्ष राजनयिक शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी मिस्र के तटीय शहर शर्म अल-शेख जा रहे हैं, ताकि वह बातचीत में शामिल हो सकें। इसके अलावा, बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के पश्चिम एशिया के दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जारेड कुशनेर के भी शामिल होने की उम्मीद है। एक अमेरिकी अधिकारी ने यह जानकारी दी, जो मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं थे, क्योंकि इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है।
एक इस्राइली अधिकारी ने बताया कि इस्राइल की तरफ से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मुख्य सलाहकार रॉन डेरमेर भी बातचीत में शामिल होने वाले हैं। बुधवार सुबह कतर, मिस्र और अमेरिकी मध्यस्थों ने दोनों पक्षों से शुरुआती वार्ता की।
इस दौरान हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ताहर नौनू ने कहा कि हमास ने एक सूची साझा की है, जिसमें उन फलस्तीनी कैदियों के नाम हैं जिन्हें वह इस्राइली बंधकों के बदले में रिहा करना चाहता है, जैसा कि समझौते की शर्तों में कहा गया है।