मसूरी रोड का निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र से प्रदेशभर में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने चमोली जनपद के नंदानगर क्षेत्र के आपदा प्रभावित गांवों में बचाव एवं राहत कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के निर्देश दिए।

आपदा परिचालन केंद्र पहुंच CM ने ली जानकारी

चमोली के नंदानगर क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा की जानकारी जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को तत्काल बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एम्स ऋषिकेश एयर लिफ्ट किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री प्रातःकाल से ही आपदा परिचालन केंद्र तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में रहकर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते रहे।

अधिकारियों को दिए कनेक्टिविटी जल्द स्थापित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि के कारण प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, पेयजल आपूर्ति, विद्युत व्यवस्था और नेटवर्क कनेक्टिविटी शीघ्र पुनः स्थापित की जाए। आपदा प्रभावित लोगों के लिए आश्रय, भोजन, स्वच्छ पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाए। प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में चिकित्सक एवं दवाओं की उपलब्धता बनाई जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके।

सीएम ने किया मसूरी रोड व किमाड़ी क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण

सीएम राज्य आपदा परिचालन केंद्र से प्रदेशभर में हुई अतिवृष्टि की समीक्षा करने के बाद मसूरी रोड एवं किमाड़ी क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। राहत कार्यों के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्य सड़कों की शीघ्र मरम्मत करते हुए यातायात सामान्य बनाया जाए और आवश्यकतानुसार लोगों के आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित की जाएं।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन को शीघ्र सामान्य करने के लिए सभी संबंधित विभाग युद्धस्तर पर कार्य करें। सभी प्रभावित परिवारों को आपदा मानकों के अनुसार त्वरित आर्थिक सहायता एवं मूलभूत सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएं। निरंतर हो रही वर्षा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में आवागमन अवरुद्ध हुआ है, वहाँ प्राथमिकता के आधार पर वैकल्पिक मार्ग और राहत शिविर स्थापित किए जाएं।