त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते शिक्षा व्यवस्था पटरी से डगमगाती हुई नजर आ रही हैं। ग्रीष्म अवकाश के बाद एक जुलाई से स्कूल खुलते ही बच्चे नए जोश और उमंग के साथ अपनी पढ़ाई शुरू करते हैं परंतु चुनाव पूर्ण होने तकए स्कूलों में इस महीने विद्यार्थियों को खुद ही अध्ययन करना पड़ेगा। शिक्षकों की ड्यूटी लगने से जहां चुनाव में सहयोग मिलेगा वहीं विद्यार्थियों को स्वयं अध्ययन करने का बीड़ा उठाना पड़ेगा।
शिक्षण कार्यो में आएगी कमी
चुनाव में कक्षा 1 से 12वीं तक के शिक्षकों समेत अन्य करीब 689 कर्मियों की ड्यूटी चुनाव में लगी हैं। इनमें से कुछ कर्मियों को 9 व 10 जुलाई को पंतनगर में पीठासीन अधिकारीए मतदान अधिकारी ने प्रथम चरण के लिए प्रशिक्षण दिया। शेष कर्मियों को आगामी तिथियों में सेक्टर मजिस्ट्रेट समेत अन्य द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना हैं। इस महीने शिक्षक व अन्य कर्मी विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण में व्यस्त होने के कारण स्कूलों में शिक्षण कार्य न के बराबर ही होने की उम्मीद नजर आ रही है।
नई कक्षाओं में पढ़ना होगा चुनौती भरा
अप्रैल से नया सत्र शुरू होने के बाद ही कक्षा में प्रवेश मिलना शुरू हो जाता हैं। ऐसे में नई कक्षा में प्रवेश वाले छात्रों के लिए कक्षाओं में पढना नयी चुनौतियों से भरा होगा। शिक्षकों ने बताया कि ब्लॉक के अधिकतर कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव पूर्ण होने तक लग चुकी हैं। उत्तराखंड के 12 जिलों में दो जुलाई से नामांकन के साथ ही चुनावी प्रक्रिया का बिगुल बज चुका हैं। चुनाव दो चरणों मे संपन्न कराए जाएंगे। प्रथम चरण का चुनाव 24 और दूसरे चरण का 28 जुलाई को मतदान होना सुनिश्चित हुआ हैं। तत्पश्चात 31 जुलाई को मतगणना पूरी होते ही शिक्षक स्कूल में फिर से पढ़ाना शुरु कर देंगे।