गुरूकुल पद्धित

उत्तराखंड में एक बार फिर से बच्चे गुरूकुल में पढ़ सकेंगे। प्रदेश के सभी जनपदों में संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत गुरूकुल पद्धति के विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए संस्कृत विभाग ठोस प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराएगा।इसके अतिरिक्त आश्रम पद्धति आवासीय विद्यालयों के तर्ज पर भी दूरस्थ क्षेत्रों में संस्कृत विद्यालय स्थापित किये जायेंगे। संस्कृत महाविद्यालयों के सही वर्गीकरण हेतु अधिनियम-2023 में संशोधन किया जाएगा।

हर जिले में खुलेंगे गुरूकुल पद्धति विद्यालय

संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को अपने शासकीय आवास पर संस्कृत शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों को संस्कृत शिक्षा से जुड़े विद्यालयों एवं महाविद्यालयों शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डॉ. रावत ने कहा कि संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत सूबे के प्रत्येक जनपद में एक-एक विद्यालय गुरूकुल पद्धति की तर्ज पर स्थापित किया जाएगा। ताकि सूबे की द्वितीय राजभाषा संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाई जा सके।

पिछड़े विकासखण्डों में आश्रम पद्धति आधारित आवासीय विद्यालय बनेंगे

मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदेश के पिछड़े विकासखण्डों में आश्रम पद्धति आधारित आवासीय विद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव भी शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। विभाग में जनपद स्तर पर कार्यरत सहायक निदेशकों को आहरण-वितरण का अधिकार देने के लिये वित्त व कार्मिक विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत प्रशासनिक संवर्ग की नियमावली-2024 में संशोधन करते हुए नियमावली- 2011 की तर्ज पर तैयार करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार शैक्षणिक संवर्ग के अधिनियम-2023 में भी संशोधन करने के निर्देश दिए गए। ताकि शिक्षकों को समय-समय पर पदोन्नति मिल सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को संस्कृत महाविद्यालयों के वर्गीकरण को लेकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये।