चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में तैनात मेडिकल फैकल्टी के लिये पृथक स्थानांतरण नीति बनाई जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नई स्थानांतरण नीति तैयार करने को कहा गया है।
मेडिकल फैकल्टी के लिए बनेगी पृथक स्थानांतरण नीति
प्रदेश में मेडिकल फैकल्टी के लिए पृथक स्थानांतरण नीति बनने जा रही है। इसके अलावा विभाग में लम्बे समय से रिक्त पदों को भरा जायेगा साथ ही कार्मिकों को प्रमोशन का भी लाभ सुनिश्चित किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में हेल्थ नेटवर्क मजबूत करने के दृष्टिगत दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सकों के मानदेय में वृद्धि की जाएगी।
स्वास्थ्य तंत्र विकसित करने में जुटी है सरकार
डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में मजबूत स्वास्थ्य तंत्र विकसित करने में जुटी है। इसके लिये सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। जिनमें राजकीय चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्साधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों, पैरामेडिकल व तकनीकी स्टॉफ की बड़े पैमाने पर नियुक्ति की है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों एंव चिकित्सालयों में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
डॉ. रावत ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों के स्थानांतरण के लिये पृथक से नीति बनाई जायेगी, जो मेडिकल फैकल्टी पर केन्द्रित होगी। नई नीति में पारदर्शी स्थानांतरण को लेकर स्पष्ट व्यवस्था होगी जिससे कार्मिकों को अपने स्थानांतरण लेकर कोई भ्रम न रहे। उन्होंने कहा कि नई स्थानांतरण नीति को तैयार करने से पहले विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक पहलुओं का बारीकी से अध्ययन करने को कहा गया है।