नेशनल हेराल्ड मामला इन दिनों चर्चाओं में है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम इसे से जुड़ रहा है। ये पूरा विवाद एक पुराने और ऐतिहासिक अख़बार ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़ा है, जिसकी शुरुआत आजादी के आंदोलन के दौरान हुई थी। नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसका प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला ?
वित्तीय कठिनाइयों और श्रम समस्याओं के कारण इसकी प्रकाशन प्रक्रिया कई बार बाधित हुई। और साल 2008 में भारी कर्ज और घाटे के कारण नेशनल हेरल्ड का प्रकाशन पूरी तरह बंद हो गया। उस समय AJL पर कांग्रेस पार्टी का 90.25 करोड़ रुपए का ब्याज-मुक्त ऋण बकाया था। जिसे वो चुकाने में असमर्थ थी।
क्यों सोनिया-राहुल का इस से जुड़ा नाम ?
सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम इस केस में तब सामने आया जब 2012 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की एक अदालत में एक निजी शिकायत दर्ज की। स्वामी ने आरोप लगाया कि सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडियन के माध्यम से AJL की संपत्तियों को धोखाधड़ी और विश्वासघात के जरिए हासिल किया।
साल 2014 में दिल्ली की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने स्वामी की शिकायत पर संज्ञान लिया और समन जारी किया। तब से लेकर अब तक इस मामले में जांच चल रही है और हाल ही में ED ने सोनिया, राहुल, सैम पित्रोदा, और सुमन दुबे के खिलाफ PMLA के तहत चार्जशीट दाखिल की है।