शंखनाद INDIA/पंकज सिंह/बागेश्वर-: कुली बेगार आंदोलन के 100वीं वर्षगांठ पर यहां राजनैतिक पंडाल तो नहीं लगे पाए, लेकिन कुछ संगठनों ने कार्यक्रम कर आंदोलन की याद ताजा की। राज्य आंदोलनकरी मोहन पाठक ने मौन साधना शुरू की। आम आदमी पार्टी व सवाल संगठन ने किसान बिल की प्रतियां सरयू में बहाईं। वक्ताओं ने इस बिल को किसान बिरोधी बताया। उन्होंने सरकार पर अड़ियल रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया।

राज्य की बिगड़ चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने व सुशीला तिवारी को एम्स का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलनकारी मोहन पाठक ने सरयू तट में दो दिन की मौन साधना प्रारंभ की है। साधना प्रारंभ करने से पूर्व उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य प्रत्येक मानव की प्रथम आवश्यकता है।

अब तक की सरकारें इस दिशा में कोई काम नहीं कर पाई हैं। कहा कि हाल यह है कि राज्य के मुख्यमंत्री अपना व परिवार का इलाज कराने राज्य से बाहर जाते हैं। कहा कि आम जनता को अपने हकों की लड़ाई के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने बताया कि उनका दो दिन तक मौन साधना जारी रहेगी। इसके बादजनता को जागरूक करके जनता के अधिकारों के लिए आंदोलन किया जाएगा। उनके साथ बागेश्वर निवासी रमेश राम भी मौन साधना में बैठे हैं।