देहरादून: केदारनाथ विधानसभा में महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक भाजपा ने एक बार फिर से दोहराया है। 2024 के उपचुनाव में भाजपा ने महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक आशा नौटियाल को अपना प्रत्याशी बनाया, और उनकी धुआंधार प्रचार रणनीति ने भाजपा को सफलता दिलाई। केदारघाटी की जनता ने आशा पर अपना विश्वास जताया, और उनके नेतृत्व में भाजपा को जीत मिली।
आशा नौटियाल का राजनीतिक सफर बहुत दिलचस्प रहा है। वह 2002 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की पहली विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद, 2007 में भी उन्होंने इस क्षेत्र से जीत हासिल की। हालांकि, 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2016 में जब शैलारानी रावत भाजपा में शामिल हो गईं और 2017 में भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बना दिया, तो आशा ने पार्टी से बगावत की और निर्दलीय चुनाव लड़ा, हालांकि वह तीसरे स्थान पर रहीं।
इसके बाद आशा ने पार्टी में वापसी की और 2022 में भाजपा ने शैलारानी रावत को प्रत्याशी बना दिया, और वह चुनाव जीत गईं। इस दौरान आशा को महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी मिली, और वह सक्रिय रूप से क्षेत्र में जनसंपर्क करती रहीं।उनकी मेहनत और क्षेत्र में मजबूत पकड़ ने उन्हें पार्टी हाईकमान से सीधे संपर्क में लाया, और इस बार उन्हें केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया, जहाँ उन्होंने जीत हासिल की।