पुष्कर सिंह रावत/
नाबालिग बेटी की इज्जत लूटने वाले पिता को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है. नाबालिग पीड़िता ने खुद ही थाने में पहुंचकर अपने पिता के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था. कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को पीड़िता को करीब सात लाख रुपए देने के आदेश भी दिए। अपनी ही नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले आरोपी पिता को कोर्ट ने दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 12 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने की राशि में से 10 हजार रुपए पीड़िता को देने को कहा है. इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को एक माह के भीतर पीड़िता को सात लाख रुपये पॉक्सो अधिनियम के तहत प्रतिकार के रूप में देने के भी आदेश दिए हैं।
दरअसल, चमोली जिले के गैरसैंण थाने में नाबालिग लड़की ने अपने पिता पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया था. अपनी शिकायत में पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि उसी के पिता ने उसकी इज्जत लूटी है और किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी है. पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू की.करीब दो साल 10 महीने 24 दिनों तक चली कोर्ट की कार्यवाही के बाद जिला जज चमोली धर्म सिंह की अदालत ने आरोपी पिता को दोषी मानते हुए धारा 376 व पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 व 6 के तहत 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
इस पूरे मामले को लेकर विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) मोहन पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग पीड़िता ने 25 अप्रैल 2021 को थाना गैरसैंण में अपने पिता खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज किया था. उस वक्त पीड़िता की उम्र 15 साल थी. पीड़िता अपने छोटे भाई, दादी व दोषी पिता के साथ गांव में रहती थी.बताया कि युवती की माता दो तीन सालों से परिवार से अलग अपने मायके में रह रही थी. इस दौरान उसके पिता ने कई बार युवती को अपनी हवस का शिकार बनाया और किसी को बताने पर जान से मारने व बेच देने की धमकी दी थी. कुछ समय बाद पीड़ित युवती अपना घर छोड़कर अपने नैनिहाल चली गई थी, जहां उसने आपबीती अपनी मां को बताई, जिसके बाद पीड़िता ने थाना गैरसैंण पहुंचकर अपने पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।