प्रेम संगेला/
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के अंतर्गत माईथान क्षेत्र के ग्रामीणों का आंदोलन दसवें दिन भी जारी रहा।सड़क व स्वास्थ्य सुविधाओं की चार सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल जारी है। दो अनशनकारियों को प्रशासन द्वारा उठाए जाने के बाद अभी भी दो अन्य अनशनकारी भूख हड़ताल पर डटे हुए हैं। अनशनकारियों का वजन लगातार गिर रहा है अनशनकारी अवतार सिंह कोटवाल निवासी टेटुडा का अनशन के 7वें दिन 5 किलोग्राम वजन तो,भुवन जोशी का 4 दिन बाद 4किग्रा वजन कम पाया गया।मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के फार्मेसिस्ट जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि अनशनकारियों का वजन लगातार गिर रहा है, जबकि अन्य जांचे सामान्य बनी हुई है।गैरसैंण सीएचसी प्रभारी डॉक्टर अर्जुन रावत ने बताया कि मंगलवार को भर्ती किए गए अनशनकारी कुंवर सिंह नेगी को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।उल्लेखनीय है की 5फरवरी से माईथान क्षेत्र के ग्रामीण सड़क व स्वास्थ्य की मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं,माईथान क्षेत्र के देवपुरी गांव से 14 किलोमीटर अनशनस्थल विनायकधार सड़क 1978 में बन गयी थी,जहां से थराली के कस्वीनगर तक 5किलोमीटर सड़क का निर्माण होना शेष रह गया है।
वर्तमान में थराली क्षेत्र में जाने वाले ग्रामीणों को 150किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।अन्य मांगों में शामिल नैल-पत्थरकट्टा सड़क को देवपुरी गांव मिलान किए जाने, माईथान-खीडा-चौखुटिया की सड़क को हॉटमिक्स किए जाने,टेटुडा के ओजियाबगड में स्वीकृत पुलिया का निर्माण व माईथान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की मांग शामिल है।10 दिनों से चल रही है हड़ताल को लेकर जहां प्रशासन ने अब तक गैरसैंण प्रभारी तहसीलदार को ही वार्ता के लिए भेजा,जो असफल रही,वहीं सोमवार को कर्णप्रयाग विधायक ने विनायकधार पंहुचकर ग्रामीणों को मांगो के जल्द पुरा किए जाने का भरोसा दिलाने की कोशिश की,लेकिन वार्ता विफल रही।
आंदोलनकारीयों ने आगे की रणनीति को लेकर आयोजित बैठक में आंदोलन तेज करने की बात कही।संघर्ष समिति अध्यक्ष हरेंद्र कंडारी ने आंदोलनकारी को संबोधित करते हुए कहा कि खंसरपट्टी की 21ग्राम पंचायतें आंदोलन में शामिल हैं,वहीं थराली क्षेत्र में भी धरना-प्रदर्शन के बाद आंदोलन शुरू होने वाला है। मांगे ना माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।”खीडा खंसर बधाण मित्र मंडली” के बैनर तले आयोजित भूख हड़ताल को मजबूत करने के लिए समिति के अध्यक्ष शयन सिंह नेगी ने कहा कि आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है, सरकार को हमारी जायज मांगों को मानने के लिए विवश होना पडेगा।इस अवसर पर रेलवे सलाहकार समिति कं पूर्व सदस्य कुंवर सिंह नेगी,चन्दर सिंह नेगी,भवान सिंह रावत ,सुरेन्द्र कोटवाल,सहित झुमाखेत,जलचौंरा,सारिंगगांव,नैल,देवपुरी,कोट,कलचुंडा कुशरानी,दिवाधार,बच्छुवाबाण,माईथान,लामबगड, कंडारीखोड,नौगांव,कोलानी के ग्रामीण उपस्थित रहे।
बसंत पंचमी के अवसर पर अनशनस्थल के समीप भैरव मंदिर में अनशनकारीयों ने की पूजा,सरकार की सद्बुद्धि के लिए की प्रार्थना⤵️
वहीं देश प्रदेश में जहां बुधवार को “बसंत-पंचमी”धूमधाम से मनाई गयी वहीं,उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बसंत पंचमी के त्यौहार को खासे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।त्योहार के दिन सुबह से ही घरों में जल्द उठने के बाद नहाने के साथ ही पूजा-पाठ के बाद विभिन्न पकवानों की सुगंध से घर महक जाता है।बच्चों का शोरगुल त्यौहारों का आनंद दोगुना कर देता है।इधर ग्रीष्मकालीन राजधानी के विनायक धार में चल रही ग्रामीणों की भूख हड़ताल से एक तरफ अशनकारियों के घरों पर सुनसानी ही रही,वहीं अधिकांश गांवों की महिलाओं को अनशन स्थल पर सहयोग के लिए जाना था,
जिसके चलते त्यौहार भी जल्दबाजी में ही मनाया गया।अनशनकारी अवतार सिंह कोटवाल और भुवन जोशी ने भी सुबह नहाकर अनशनस्थल के समीप बने भैरवनाथ मंदिर में पूजा पाठ के बाद अपनी आजकल की दिनचर्या के अनुसार,फिर से भूख हड़ताल पर बैठ गए। परिवार के मुखियाओं के अनशन में होने के चलते घरों में भी कोई खास तैयारी नहीं की गई थी।अवतार सिंह कोटवाल बताते कि उन्होंने सुबह घर पर बच्चों को फोन करके त्यौहार मनाने को कहा तो बच्चों ने रूंधे गले से उनके अनशन की सफलता की कामना करते हुए जल्द घर पहुंचने की उम्मीद जतायी।वहीं भुवन जोशी के घर का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा,उनकी पत्नी ने उनकी वापसी के बाद ही खुशी मन से त्यौहार मनाने की बात कही।