हल्द्वानी में हुई आगज व पथराव की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रशासन पर किये सवाल खड़े
हल्द्वानीTrivendra, Harish Rawat and Congress say in Vanbhoolpura caseमें हुई आगजनी और पथराव की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि यह पूरा मामला सुनियोजित साजिश लग रहा है। यदि ऐसा है तो क्या इंटेलिजेंस ने इस तरह के इनपुट दिए थे, यदि नहीं दिए तो यहां पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेलियर है और दिए हैं तो पुलिस व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अभी एहतियातन यह घटना आगे ना बड़े शांति व्यवस्था कायम हो, घायलों को इलाज की जरूरत है व जो मारे गए हैं उनके परिजनों को ढांढस बंधाने की जरूरत है ।हल्द्वानी की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिया बड़ा बयान।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्द्वानी की घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है। हरीश रावत ने कहा है कि जिस तरह से सम्मान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट पारित कर एक तबके को टारगेट करने की कोशिश की गई है। और उस वर्ग के पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप करने की कोशिश की गई। उससे यह संदेश गया है कि उनको दबाया जा रहा है। जिसके चलते यह घटना देखने को मिली है।हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह भी कहा है कि यह समय इन सब में जाने का नहीं है लेकिन सबकी कोशिश यही रहनी चाहिए कि शांति व्यवस्था कैसे कायम हो।
हल्द्वानी के मलिक फार्म क्षेत्र में घटित घटना को लेकर इंडिया एलायंस और सिविल सोसाइटी ने की बैठक,प्रशासन की लापरवाही,लोकल इंटेलिजेंस की विफलता और सरकार की उदासीनता को इस घटना का बताया मुख्य कारण।
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में हल्द्वानी के मलिक फार्म क्षेत्र में घटित घटना के संदर्भ में इंडिया एलायंस और सिविल सोसाइटी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी। इस दौरान बैठक में सर्वसम्मति से इस घटना को निंदनीय एवं दुखद करार देते हुए जनता से निवेदन किया गया कि आपसी सामाजिक सौहार्द भाईचारे एवं शांति को कायम रखने की अपील की गयी। वहीं प्रशासन की लापरवाही, लोकल इंटेलिजेंस की विफलता और सरकार की उदासीनता को इस घटना का मुख्य कारण बताया गया। सरकार से अपील की गई कि तत्काल वहां के डीएम और एसएसपी को बर्खास्त किया जाए।
बैठक में शामिल सभी प्रतिनिधियों ने कहा कि वहां पर आवश्यक सावधानी बरती जानी चाहिए थी वह क्यों नही बरती गयी, और सांय 4 बजे बिना होमवर्क किए जल्दबाजी में जो कार्यवाही हुयी वह किसी तरीके से भी उचित नहीं है। सर्वसम्मति से बैठक में निर्णय हुआ कि इस घटना के संदर्भ में राज्यपाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा, राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा गया हैं, और आज 10 फरवरी को सांय 5ः00 बजे गांधी पार्क में गांधी प्रतिमा के सम्मुख संयुक्त रूप से शान्ति के लिए प्रार्थना की जाएगी।
बैठक में सभी वक्ताओं ने कहा कि हल्द्वानी की घटना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है यह पूरी तरह से प्रशासनिक चूक और विफलता का मामला है, इस घटना से बचा जा सकता था किन्तु जानबूझकर प्रशासन और सरकार द्वारा ऐसी परिस्थितियां पैदा की गयी जिसके परिणाम स्वरूप यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। हल्द्वानी की घटना में हताहत और घायल हुए सभी लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं घटना में पत्रकार,आमजन और पुलिस कर्मी भी प्रभावित और घायल हुए हैं, घटना में घायल सभी लोगों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
कहा कि यह भी अत्यन्त दुखद घटना है किसी को भी कानून से खिलवाड़ करने की छूट नहीं होनी चाहिए, सरकार और शासन प्रशासन को इस घटना से सबक लेकर आवश्यक सतर्कता बरतनी चाहिए, और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुर्नावृति न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर कांग्रेस पार्टी और इंडिया एलायंस के सहयोगी राजनीतिक दल और सिविल सोसाईटी यह मांग करती है कि इस प्रकार की घटनाओं पर किसी भी प्रकार की राजनीति नही होनी चाहिए, हम सभी सदैव शान्ति और आपसी सोहार्द में विश्वास करते हैं।
बैठक में सभी वक्ताओं ने कहा कि भाजपा ऐसी घटनाओं पर ओछी राजनीति और बयानबाजी कर रही है जो किसी भी तरह से सही नहीं है उससे बचा जाना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं से किस राजनीतिक दल को लाभ होता है यह भी देश की जनता भली भांति जानती हैं। सरकार को अपना दायित्व निभाते हुए इस घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच करनी चाहिए और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर लम्बे समय से चल रही कार्यवाहियों पर भी लगातार सवाल खडे हो रहे हैं कि प्रशासन द्वारा बिना नोटिस दिए पक्षपात पूर्ण और गैरकानूनी एवं मनमाने तरीके से कार्यवाही की जा रही है जिस कारण इस प्रकार की परिस्थितियां पैदा हो रही हैं हम सरकार से मांग करते हैं कि कोई भी कार्यवाही करने से पहले लोगों के पुनर्वास जनसुनवाई और मानवीय मूल्यों और न्यायालय के आदेशों का भी पूर्णतः पालन होना चाहिए। मलिक फार्म की घटना में 14 फरवरी की हाईकोर्ट में लगी है फिर जल्दबाजी में की गयी यह कार्यवाही कई सवाल खडे करती है।