Chandrayaan 3 : चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के एक बार फिर जागने की उम्मीद है। 14 दिनों की रात के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक बार फिर से सूरज की किरण पहुंचने लगी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर मॉड्यूल को जगाने के लिए तैयार है। 23 अगस्त को अपनी सफल लैंडिंग के बाद से ये दोनों चांद की ठंडी सतह पर गहरी नींद में हैं और तापमान 200 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था।
इसरो ने बताया कि सूरज की रोशनी पड़ने के बाद से लैंडर और रोवर काम करना शुरू कर सकते हैं। इसरो ने 4 सितंबर को लैंडर को स्लीप मोड में डाल दिया था। साथ ही, इससे पहले 2 सितंबर को रोवर को भी स्लीप मोड में ही सेट कर दिया गया था।
Chandrayaan 3 : सूरज की रोशनी सीधे पैनल पर पड़ सके
हालांकि, स्लीप मोड में डालने से पहले इसरो ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के रिसीवर को चालू छोड़ दिया था और बैटरी भी फुल चार्ज कर दी थी। रोवर को ऐसी दिशा में सेट किया गया है कि सूरज की रोशनी सीधे पैनल पर पड़ सके।
अगर विक्रम और प्रज्ञान जाग गए तो क्या होगा – विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर नींद से जाग गए तो यह इसरो के लिए बोनस साबित होगा। अब तक जितना भी डेटा भेजा गया है, उस हिसाब इन दोनों के मिशन का कार्य पूरा हो चुका है।
कई सारे इन सीटू एक्सपेरिमेंट इसरो के द्वारा फिर से हो सकते हैं। जागने के बाद कुछ और डेटा मिलेगा, जिसके एनालिसिस करके नतीजे आने में कुछ समय तो लगेगा पर कुछ नई सूचना भी मिल सकती है।
Chandrayaan 3 : अब तक जुटाई अहम जानकारी
जब रोवर और विक्रम लैंडर के जागने की उम्मीद है तो फिर से पूरी दुनिया की नजरें चांद पर टिकी हैं। दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान सॉफ्ट लैंडिग के बाद अपने 14 के समय में प्रज्ञान रोवर ने सल्फर समेत कई जरूरी चीजों को ढूंढ निकाला था।
इसके अलावा चांद के साउथ पोल की रोचक और अनदेखी तस्वीरें भी सामने पेश की थी। इसरो की तरफ से कहा गया कि अगर सभी चीजें योजना के हिसाब से होंगी तो कमांड रोवर में फीड होने के बाद रोवर चलना शुरू कर सकता है।
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