उत्तराखंड में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहाड़ी जनपदों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी लगातार तेज बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित है। भारी बारिश के चलते समूचा उत्तराखंड आपदा की स्थिति से जूझ रहा है। जानमाल की हानि से पर्वतीय क्षेत्रों में कठिनाइयां भी बढ़ गई हैं। वहीं बारिश से अभी भी राहत मिलने के आसार नहीं है। मौसम विभाग ने देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत जिले में अगले दो दिन भारी बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में पुश्ता ढहा

रविवार शाम से शुरू हुई बरसात ने राजधानी देहरादून में कई जगह पर नुकसान किया है। बीती शाम से लगातार सुबह तक हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से शहर भर के कई इलाकों में जलभराव जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। लगातार हो रही तेज बारिश के चलते देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव के मंदिर परिसर को नुकसान हुआ है। टपकेश्वर महादेव मंदिर के लिफ्ट वाले हिस्से का पुश्ता ढह गया है। भरत गिरि जी महाराज ने बताया कि पुश्ते का केवल छोटा सा हिस्सा गिरा है। इससे मंदिर में किसी भी तरह का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि मजदूर लगाकर मलबे को साफ किया गया है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की आवाजाही में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं है। आपको बता दें कि आज सोमवार है. सोमवार को शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है. यही वजह है कि आज सुबह जब श्रद्धालु टपकेश्वर महादेव पहुंचे, तो मंदिर परिसर के गेट के ठीक बाहर दीवार ढह जाने की वजह से शुरू में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

ऋषिकेश में बारिश ने बढ़ाई लोगों की चिंता 

सुबह से तीर्थ नगरी से सटे पर्वतीय क्षेत्र और मैदानी क्षेत्र में वर्षा जारी है। क्षेत्र में हो रही तेज वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ है। जलभराव वाले क्षेत्र में रहने वाले लोग की चिंता इस वर्षा ने फिर बढ़ा दी है। यमकेश्वर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्र में सुबह से वर्षा जारी है। चीला मार्ग पर बीन नदी उफान पर है। पुलिस प्रशासन की ओर से इस मार्ग से वाहनों की आवाजाही फिलहाल रोकी गई है। नीलकंठ जाने वाले सभी रास्ते खुले हुए हैं। सोमवार होने के कारण यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आ रहे हैं।

हरिद्वार में मूसलाधार बारिश से दहशत में ग्रामीण

वहीं, हरिद्वार में भी मूसलाधार बारिश हो रही है। तेज बारिश के कारण तटवर्ती इलाकों खासकर श्यामपुर और लक्सर के क्षेत्रों में ग्रामीणों में फिर दहशत का माहौल है। पिछले करीब एक महीने से इन इलाकों में जलभराव के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है। श्यामपुर में गंगा के कटाव से गंभीर हो चली है तो दूसरी ओर लक्सर में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

जौनसार बावर में 15 मोटर मार्ग बंद

उधर, जौनसार बावर और पछवा दून क्षेत्र में भी बारिश का कहर जारी है। भूस्खलन के चलते 15 मोटर मार्ग बंद है। इसमें कई मार्ग ऐसे हैं जो पिछले 1 हफ्ते से बंद चले आ रहे हैं, जिन्हें संबंधित विभागों के अधिकारी खोलने में असक्षम साबित हो रहे, जिसके चलते 100 से अधिक गांव के ग्रामीणों की दुश्वारियां बड़ी हुई है। लोनिवि सहिया के तीन, चकराता के 7, पीएमजीएसवाई के 4, निर्माण खंड का 1 मार्ग बंद है।