Uttarakhand : उत्तराखंड धर्म और अध्यात्म की नगरी है। यहां कोस-कोस पर आपको कई मंदिर देखने को मिल जाएंगे। उत्तराखंड में चार धाम है जिनकी धार्मिक यात्रा के लिए हर साल लाखों-करोड़ों श्रद्धालु इस सूबे की सैर करते हैं। प्रकृति की गोद में बसा यह सूबा धार्मिक पर्यटन के लिहाज से प्रसिद्ध है। पवित्र गंगा इसी सूबे से बहती है। हरिद्वार मोक्ष की नगरी है। जिस तरह से दुनियाभर से टूरिस्ट हिल स्टेशनों की सैर के लिए उत्तराखंड आते हैं, वैसे ही मंदिरों के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए भी लाखों लाख इस सूबे की यात्रा करते हैं। उत्तराखंड की ट्रैवल सीरीज में आज हम आपको यहां के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

Uttarakhand : ये हैं उत्तराखंड के 7 प्रसिद्ध मंदिर

  • नैना देवी
  • बद्रीनाथ मंदिर
  • केदारनाथ मंदिर
  • जागेश्वर मंदिर
  • बिनसर महादेव मंदिर
  • कटारमल सूर्य मंदिर
  • गोलू मंदिर, अल्मोड़ा

Uttarakhand : नैना देवी और झूला देवी मंदिर

नैना देवी उत्तराखंड का प्रसिद्ध मंदिर है। इसी मंदिर के कारण इस हिल स्टेशन का नाम नैनीताल पड़ा है। नैनी का अर्थ आंखें होता है। यह मंदिर प्रमुख शक्तिपीठ में शामिल है। नंदा देवी मंदिर का निर्माण चंद राजाओं द्वारा किया गया था। इस मंदिर की बेहद मान्यता है। सितंबर में यहां नंदादेवी मेला होता है जिसके लिए हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। यह मेला पिछले 400 सालों से होता आ रहा है। इसी तरह श्रद्धालु झूला देवी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर रानीखेत के आसपास है। यह पवित्र मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर 700 वर्ष पुराना है और 1959 में मूल देवी चोरी हो गई थी। चिताई गोलू मंदिर की तरह, इस मंदिर को इसके परिसर में लटकी घंटियों की संख्या से पहचाना जाता है।

Uttarakhand : श्रद्धालु उत्तराखंड में ग्वेल मंदिर के दर्शन कर सकते हैं

इसी तरह श्रद्धालु उत्तराखंड में ग्वेल मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है और यहां लोग घंटियां चढ़ाते हैं और ग्वेल ज्यू को चिट्ठियां लिखते हैं। टूरिस्ट उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर, केदारनाथ मंदिर, जागेश्वर मंदिर और बिनसर महादेव मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। टूरिस्ट उत्तराखंड में कटारमल सूर्य मंदिर को देख सकते हैं। यह मंदिर अल्मोड़ा में है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर है। इस मंदिर की दूरी अल्मोड़ा शहर से करीब 18 किलोमीटर है। Also Read : Uttarakhand में अब “यू कोट वी पे” फार्मूले के तहत होगी चिकित्सकों की भर्ती

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