Weather : उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक अगले 4 दिन यानी 3 जून तक भारी बारिश का अलर्ट जारी है । मौसम विभाग की ओर से संवेदनशील इलाकों में हल्के से मध्यम भूस्खलन और चट्टान गिरने से कहीं-कहीं सड़कों और राजमार्ग के अवरुद्ध होने की आशंका भी जताई गई है। मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय इलाकों में बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आज मंगलवार 27 जून को प्रदेश के पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और कई दौर की बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
राज्य के 08 जनपदों नैनीताल ,टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर देहरादून ,चंपावत ,पिथौरागढ़ ,हरिद्वार में कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 28 जून को राज्य के देहरादून टिहरी पौड़ी हरिद्वार नैनीताल और चंपावत जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है जिसको लेकर कई दौर का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
Weather : 29 और 30 जून को नैनीताल चंपावत बागेश्वर पिथौरागढ़
उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में बारिश का येलो अलर्ट है। इसके अलावा से जनपदों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम निदेशक डॉ विक्रम सिंह के मुताबिक 30 जून तक राज्य में मानसून की गतिविधियां तेज रहने की संभावना है जिसको लेकर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
Weather : आईएमडी ने भी जारी किया अलर्ट ,हिमालयन रीजन में भारी वर्षा की संभावना
आईएमडी द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक, ओडिशा, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिन जबरदस्त बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग के महानिदेशक धनंजय महापात्रा कहते हैं कि पहाड़ों में जिस तरीके के हालात बने हैं, उसको लेकर पहले से ही आगाह किया जा चुका है। खासतौर से हिमालयन रीजन में मौसम की ऐसी मार अगले तीन दिनों तक बनी रहने की संभावना है।
Weather : कुछ जगहों पर बादल फटने जैसी बड़ी घटना
उनका कहना है कि अगले तीन दिनों में कुछ जगहों पर बादल फटने जैसी बड़ी घटनाओं की संभावना बनी हुई है। महापात्रा कहते हैं कि इसको लेकर सभी पहाड़ी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। फिलहाल यह चेतावनी अगले तीन दिनों के लिए जारी हुई है। उसके बाद मानसून की सक्रियता को देखते हुए मौसम विभाग अगला अनुमान जारी करेगा।
मौसम विभाग के महानिदेशक का कहना है कि जिस तरीके से मानसून के हिट करते ही अचानक सक्रियता से पहाड़ों पर तबाही मच रही है वह पहले से अनुमानित था। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जुलाई में भी इस तरीके की घटनाएं हो सकती है। फिलहाल मौसम विभाग और संबंधित राज्य लगातार संपर्क में बने हुए।
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