Kedarnathकेदारनाथ मंदिर के गर्भगृह के स्वर्णमंडन में करीब सवा अरब रुपये के घोटाले के आरोपों पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने श्रद्धा के विषय पर राजनीति कर रही पार्टियों की निंदा की जबकि सत्ताधारी भाजपा ने कहा कि केदारनाथ की छवि को हानि पहुंचाने वाली कांग्रेस को बाबा केदार 2024 में भी अवश्य दंडित करेंगे ।

साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह का स्वर्णमंडन कराए जाने पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लोग निरर्थक ही इसे राजनीति का रूप दे रहे हैं जबकि यह श्रद्धा का विषय है । महंत ने कहा, ‘‘ इस समय चारधाम यात्रा चल रही है और इस दौरान ऐसे शिगूफे छोड़ने वालों की मैं निंदा करता हूं । भक्तों की भावनाओं को आहत न करें ।”

श्रद्धा के साथ खिलवाड़ की चेष्टा को गलत बताते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पहले भी कई बार ऐसी कोशिशें की गयीं लेकिन भगवान केदारनाथ ने अपना रौद्र रूप दिखाकर अपना प्रत्यक्ष प्रमाण दिया है ।

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इस बीच,उत्तराखंड की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने विपक्षी दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए केदारनाथ धाम की छवि को हानि पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाबा केदार 2014 और 2019 की तरह 2024 में भी कांग्रेस को अवश्य दंडित करेंगे ।

प्रदेश पार्टी प्रवक्ता सुरेश जोशी ने मंदिर गर्भगृह में स्वर्णमंडन में घोटाले के आरोपों पर कहा कि जिस दानदाता ने केदारनाथ में स्वर्णजड़ित प्लेटें लगवाईं, उसी ने 2005 में कांग्रेस शासनकाल में बदरीनाथ मंदिर में स्वर्ण दान किया था लेकिन तब कांग्रेस ने कोई आपत्ति प्रकट नहीं की थी ।

उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय से भक्तों द्वारा सत्ता से बेदखल किये जाने का बदला कांग्रेसी अब भगवान के दरबार की छवि खराब कर लेना चाह रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि मिथ्या आरोप लगाने वाली कांग्रेस को बाबा भोलेनाथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में फिर दंडित करेंगे । जोशी ने कहा कि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की नियमावली के अनुसार समिति किसी भी दानदाता की इच्छानुसार दान लेने के लिए बाध्य है ।

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उन्होंने कहा कि दानदाता ने अपने स्वर्णकारों के माध्यम से भारतीय पुरातत्व सर्वेंक्षण की निगरानी में स्वर्णमंडन की प्रक्रिया स्वयं पूरी की और उसके बाद बिल मंदिर समिति को सौंप दिए ।

उन्होंने कहा कि दानदाता ने तांबे की प्लेटों के ऊपर सोने की परत चढ़ाकर उन्हें गर्भगृह की दीवारों पर लगाया और इस कार्य में लगभग 14 करोड़ रुपये की लागत आयी लेकिन उसे सवा अरब रुपये का बताकर जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है ।

पिछले दिनों केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि गर्भगृह की दीवारों पर सोने की जगह पीतल की परत चढ़ायी गयी है और इसमें करीब सवा अरब रुपये का घोटाला हुआ है ।

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त्रिवेदी ने वीडियो में राज्य सरकार से उसकी जांच कराने तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हुए चेतावनी भी दी कि अगर इस संबंध में जल्द कोई कार्रवाई न की गयी तो तीर्थ पुरोहित इस घोटाले को लेकर उग्र आंदोलन को विवश हो जाएंगे ।

आरोपों पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने जांच की मांग की । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा हिंदुओं के आस्था केंद्रों में भी घोटाले से बाज नहीं आ रही है जबकि समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मामले को संवेदनशील बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की ।

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