अब उत्तराखंड के जंगलों में आग (Forest Fire) लगाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उत्तराखंड शासन की ओर से इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया गया है। वनों में आग (Forest Fire) की रोकथाम के लिए जरूरत पड़ने पर सेना और अर्द्धसैनिक बलों का भी सहयोग लिया जाएगा। 15 फरवरी से पहले सभी संबंधित विभागों की बैठक होगी। आदेश में कहा गया है सिविल, वन पंचायत, कई आरक्षित वनों में वनाग्नि घटनाओं की मुख्य वजह वनों से सटी हुई कृषि भूमि पर पराली जलाने से पाया गया है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि जंगलों में आग की दैनिक, साप्ताहिक और मासिक रिपोर्ट दी जाए। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में कलस्टर के आधार पर गठित ग्राम पंचायत स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा प्रबंधन समितियों के कार्यो की निगरानी की जाए। आदेश में कहा गया है, हर जिले में जिला आपदा परिचालन केंद्र को प्रभागीय वनाधिकारियों के मास्टर कंट्रोल रूम में अवश्य जोड़ा जाए।