आज पूरे देश में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (SubhasChandraBose) की जयंती मनाई जा रही है। लोग उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ उनकी वीरगाथा को याद कर रहे हैं। आज के दिन पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। (SubhasChandraBose) सुभाष चंद्र बोस कई बार जेल भी गए और देश की पहली भारतीय फोज ‘आजाद हिंद फोज’ की स्थापना की थी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (SubhasChandraBose) के महात्मा गांधी से विचार नहीं मिलते थे। महात्मा गांधी ने हमेशा अहिंसा की बात की थी और उसी से देश में आजादी पाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक दांडी मार्च (नमक सत्यग्रह) निकाला था। दूसरी ओर नेताजी उनसे एकदम अलग सोच रखते थे, उनका मानना था कि देश को आजादी दिलाने के लिए अहिंसा से काम नहीं चल सकता। आपको बता दें उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ने के लिए एक अलग राजनीतिक पार्टी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी।
कई बार गए जेल
आजादी की लड़ाई में लोगों में जोश भरने वाले नेताजी कई बार ब्रिटिश हुकुमत से लोहा लेते हुए जेल भी गए थे। वे 1921 से 1941 के बीच पूर्ण स्वराज के लिए 11 बार जेल गए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आक्रोश पैदा किया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वे सोवियत संघ, जर्मनी और जापान भी गए और उन्होंने वहां अंग्रेजों के खिलाफ साथ देने की मांग की।
तानाशाह ने दी थी नेताजी की उपाधि
सुभाष चंद्र बोस (SubhasChandraBose) को नेताजी की उपाधि एक जर्मन तानाशाह ने दिया था। दरअसल, सुभाष चंद्र बोस देश की आजादी के लिए कुछ भी करने को तैयार थे और इसी के चलते वे जर्मनी पहुंचकर तानाशाह अडोल्फ हिटलर से मिले थे। हिटलर ने भारत को आजादी दिलाने में कोई मदद तो नहीं की, लेकिन उन्होंने सुभाष चंद्र बोस से मिलते ही नेताजी के नाम से पुकारा। इसी मुलाकात के बाद सुभाष चंद्र बोस को नेताजी के नाम से जाना गया।