Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Cmdhami) ने राजपुर रोड़ स्थित होटल में आयोजित राइजिंग उत्तराखण्ड (Uttarakhand) कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने प्रदेश के विकास और जनता से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिये रोड मैप पर तैयार कर कार्य किया जा रहा है। रोजगार और आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन कृषि बागवानी के क्षेत्र में योजनायें बनायी गयी है। प्रदेश में भूमि बैंक बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक निवेशक राज्य में उद्योगों की स्थापना के प्रति आकर्षित हों। स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी को भी मजबूती देने के प्रयास किये जा रहे हैं। लखपति दीदी योजना में 2025 तक 1.25 लाख मातृशक्ति बहनों को लखपति बनाने की योजना बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को गति प्रदान करने के लिए हमारी सरकार द्वारा विगत वर्ष “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के हवालबाग में और जनपद पौड़ी के कोटद्वार में की गई। वर्तमान में इन “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इससे हमारे युवा रोजगार मांगने वाले नहीं रोजगार देने वाले बनेंगे तथा पलायन रोकने में भी हम सफल होंगे। मुख्यमंत्री (Cmdhami) ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए मसूरी में आयोजित चिंतन शिविर और बोधिसत्व विचार श्रृंखला में जो सुझाव सामने आये हैं, उन सभी सुझावों को धरातल पर लाने के साथ जन समस्याओं के समाधान के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी (Cmdhami) ने कहा कि प्रदेश की सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर काफी चिंतित है और जिन लोगों ने भी नकल कराई है, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन तत्काल लिया गया है साथ ही (Cmdhami) मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2014 और 15 से भर्ती घोटाले चल रहे थे। जोशीमठ भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालय, बद्रीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है, सामरिक, सांस्कृतिक, पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। वे स्वयं वहां 03 दिन रहे, सरकार का सबसे पहला प्रयास प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना था। अंतरिम, तत्काल मदद के रूप में डेढ़ लाख रूपये, 200 से भी ज्यादा परिवारों को दिया जा चुका है। प्रभावितों के पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री भी लगातार इस नजर बनाये हुए हैं। 8 एजेंसियां यहां काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी आंकलन किया जायेगा अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जबरदस्ती धर्मांतरण नहीं होने दिया जायेगा। इस प्रकार का कृत्य राज्य के किसी भी क्षेत्र में न हो इसके लिये कानून बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हल्द्वानी जैसे मामले में सतर्कता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। इस मामले में राज्य सरकार न्यायालय में पार्टी नहीं है। यह रेलवे का मामला है। राज्य सरकार द्वारा माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जायेगा।