Haldwani: उत्तराखंड(Uttarakhand) में बढ़ती ठंड ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया. ऐसे में रेलवे(Railway) की भूमि पर बसे लोगों के लिए मुसीबत ओर ज्यादा बढ़ने वाली है. रेलवे अपनी जगह के लिए करीब 50 हजार लोगों को हटाने को तत्पर है. इसी कड़ी में पूर्व सीएम हरीश रावत(Harish Rawat) ने सीएम पुष्कर सिंह धामी(CM Pushkar Singh Dhami) को सोशल मीडिया पर खुला पत्र लिखा और कोई बीच का रास्ता निकालने की बात कही है.

हल्द्वानी की ढोलक बस्ती, बनभूलपुरा आदि स्थानों पर रेलवे की भूमि पर बसे लोगों को हटाने के मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को सोशल मीडिया पर खुला पत्र लिखा है. पत्र में हरीश ने कहा कि कानूनी पक्ष अपनी जगह सही है. लेकिन कई वर्षों से बसे हुए लोगों को हटाने का रेलवे, प्रशासन, पालिका का निर्णय केवल कानूनी पक्ष नहीं है, यह मानवीय पक्ष भी है.

वातावरण में फैलेगी अशांति

उन्होंने कहा कि हल्द्वानी कुमाऊं और प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है. यहां का सामाजिक सौहार्द हमेशा उच्च स्तर का रहा है. यदि 50 हजार से ज्यादा लोगों को हटाया जाएगा, तो यह लोग कहां जाएंगे. एक अशांति का वातावरण पूरे हल्द्वानी में और कुमाऊं के अंचल में फैलेगा. सीएम को संबोधित करते हुए कहा कि कड़कड़ाती ठंड में आपने केवल कानूनी पक्ष देखकर या कानून के गलत इंटरप्रिटेशन के आधार पर 50 हजार लोगों से उनकी छत छीनने जा रहे हैं.

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कहा कि कुछ लोग आज भले ही चुप हों, जब स्थितियां बिगड़ेंगी तो वह लोग भी सरकार के विवेक पर अंगुली उठाएंगे. हरीश ने कहा कि वह न्यायिक निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, मगर राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर आप (धामी) एक अभिभावक का कर्तव्य निभा सकते हैं. उन्होंने सीएम को रेलवे से बातचीत करने, गोला नदी के किनारे-किनारे रिवरफ्रंट डेवलप कर कुछ अतिरिक्त भूमि निकालकर रेलवे की जरूरत की पूर्ति करने की सलाह दी है.