प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट (High Court) के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के तमाम वन प्रभागों से ऐसे अतिक्रमणों का चिन्हीकरण कर कंपाइल सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद इसका वर्गीकरण किया जाएगा। इस सूची कुछ ऐसे में धार्मिक स्थल हैं, जहां कोई न कोई रह रहा है। जबकि कुछ ऐसे भी अतिक्रमण हैं, जो किसी ने बनाकर छोड़ दिए हैं।

वन विभाग की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप की स्थिति है। वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने स्पष्ट किया है कि यह शुरूआत है। जहां कहीं भी वन भूमि पर अतिक्रमण पाया जाएगा, धार्मिक स्थल हों या मकान-दुकान, सबका नामोनिशान मिटाया जाएगा।

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वन संरक्षण अधिनियम 1980 (Forest Conservation Act 1980) के बाद जितने भी ऐसे धार्मिक अतिक्रमण हुए हैं, सभी को हटाया जाएगा। उन्होंने कहा इसके लिए अधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। दो दिन पहले देहरादून वन प्रभाग के तहत वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई 15 मजारों को ध्वस्त कर दिया गया था।

 सभी डिविजनों से मंगाई गई रिपोर्ट…

इसकी शुरूआत देहरादून वन प्रभाग से की गई है। आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज किया जाएगा। विभाग को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं ऐसे मामलों में सख्ती से निपटा जाए। फिलहाल सभी डिविजनों से रिपोर्ट (Report) मंगाई गई। उसे सूची का वर्गीकरण होते ही तेज होगी कार्रवाई

प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के तमाम वन प्रभागों से ऐसे अतिक्रमणों का चिन्हीकरण कर कंपाइल सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद इसका वर्गीकरण किया जाएगा।

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