हरिद्वार में सरकारी जमीनों से कब्जा हटवाना प्रशासन के लिए एक बड़ी मुसीबत बना हुआ है। राजनीतिक संरक्षण के चलते कई लोग नगर निगम, सिंचाई विभाग जैसे अन्य विभागों की जमीनों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। करीब दो दशक से लटके ऐसे मामलों को सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट (City Magistrate Court) ने तेजी से अब निपटाना शुरू कर दिया है।

सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह ने पीपी एक्ट (PP ACT) के तहत बीते एक साल में 50 से ज्यादा मामलों पर सुनवाई करते हुए कई अवैध कब्जा धारकों को बेदखल किया और सरकारी जमीनों को मुक्त कराया है। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि आगे भी मामलों में सुनवाई कर जमीनों को मुक्त कराया जाएगा। आपको बता दें कि हरिद्वार में राजनीतिक दलों से जुड़े कई लोगों ने सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जा जमा रखा हैं।

हरिद्वार में मेयर अनीता शर्मा और भाजपा पार्षदों के बीच घमासान मचा हुआ है। मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा द्वारा भाजपा पार्षदों पर नगर निगम की संपत्ति खुर्दबुर करने का आरोप लगाने के बाद भाजपा पार्षदों ने भी प्रेस वार्ता करते हुए पलटवार किया, पार्षदों ने कहा कि मेयर अनीता शर्मा के पति अशोक शर्मा ना सिर्फ नगर निगम की कार्यवाही में हस्तक्षेप करते हैं बल्कि निजी हितों को साधने के लिए नगर निगम और जनता के कामों को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। 2 दिन पहले फूल फरोशी का टेंडर खुलने के दौरान मेयर प्रतिनिधि ने नगर आयुक्त ऑफिस पहुंचकर हंगामा काटा था और टेंडर प्रक्रिया निरस्त करा दी थी।

भाजपा पार्षदों ने सरकार से मांग की है, कि वह मेयर अनिता शर्मा को बर्खास्त करें, पार्षदों का कहना है यदि सरकार ने जल्द से जल्द इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो वह इसका विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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