टिहरी डैम की सुरक्षा राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है. लेकिन डैम की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई है. व्यू प्वाइंट पर खुलेआम संदिग्ध लोगों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से लावइ वीडियो कॉलिंग की जा रही है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या लाइव वीडियो दिखाकर टिहरी डैम की रेकी की जा रही है?
ये है पूरा मामला
दरअसल बीते शुक्रवार को दो संदिग्ध टिहरी डैम के व्यू प्वांइट पर आए. वहां मौजूद लोगों का आरोप है कि ये लोग टिहरी डैम के व्यू प्वांइट से डैम का लाइव वीडियो टेलीकास्ट कर रहे थे. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ये लोग किसे और कहां लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे. जबकि टिहरी डैम की फोटो तक खींचने पर पाबंदी है. बताया जा रहा है कि इन संदिग्ध लोगों को न तो किसी ने लाइव वीडियो टेलीकास्ट करने से रोका और न ही उनसे इस बारे में पूछताछ की गई.
बता दें कि व्यू प्वाइंट पर न तो कोई CISF का जवान तैनात है और ना ही कोई cctv कैमरे लगाए हैं. ऐसे में संदेह जताया जा रहा है कि ये संदिग्ध व्यक्ति व्हाट्सएप या अन्य एप के माध्यम से लाइव वीडियो कर टिहरी डैम की रैकी कर रहे है.
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स्थानीय लोगों का आरोप
लोगों ने बताया कि CISF के जवान टिहरी डैम के आसपास स्थानीय लोगों को खड़े तक नहीं होने देते हैं. आसपास के लोगों को नियम कानून दिखाकर डराया जाता है, लेकिन डैम की सुरक्षा किस तरह से की जा रही है इसका प्रमाण सभी के सामने है. लोग खुलेआम यहां आकर टिहरी डैम का एप के माध्यम से किसी को लाइव वीडियो दिखा रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इसलिए यहां पर टिहरी डैम की सुरक्षा के लिए एक CISF का जवान और सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना आवश्यक है. क्योंकि अचानक यहां पर कोई अप्रिय घटना घटती है तो टिहरी डैम के पानी का तेज बहाव 9 मिनट में देवप्रयाग ऋषिकेश हरिद्वार तक पहुंचेगा और इसके आसपास रहने वाली आबादियों को जान माल का नुकसान होगा. साथ ही लोगों ने यहां लाइव वीडियो प्रसारण पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि इससे टिहरी डैम और हमारे लोगों को क्षति हो सकती है.
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टिहरी डैम के अधिशासी निदेशक
वहीं सुरक्षा में लगी सेंध का सवाल टिहरी डैम के अधिशासी निदेशक उमेश कुमार सक्सेना से पूछा गया तो उन्होंने टिहरी डैम की सुरक्षा का जिम्मा CISF के कंधों पर डाल दिया. उन्होंने कहा कि यहा कि सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय सुरक्षा बल सीआईएसएफ के हाथों में है. यहां पर जो व्यू प्वाइंट बनाया गया है, वह मुख्य सड़क पर है. इस बारे में CISF को जानकारी दी जाएगी कि यहां पर एक जवान की ड्यूटी और कैमरे लगवाए जाएं, जिससे डैम की सुरक्षा में कोई चूक न हो. क्योंकि डैम का वीडियो प्रसारण और फोटो लाइव प्रसारण वर्जित है. जो लोग व्हाट्सएप एप के माध्यम से वीडियो लाइव कर रहे थे उनकी जांच कराई जाएगी.