Omkareshwar Temple : शीतकाल 6 महीने के लिए बाबा केदार के कपाड बंद होने के बाद आज उनकी डोली को रुद्रप्रयाग ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची । बता दें,कि यही वो पवित्र स्थल है जहां 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा की जाएगी। कपाट बंद होने के बाद यहां बाबा की भोग मूर्ति को डोली , छत्र, त्रिशूल आदि के साथ ऊखीमठ में लाकर ओंकारेश्वर मंदिर की गर्भग्रह में प्रतिष्ठित किया जाता है ।

ऊखीमठ में स्थित प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर अपने आप में बेहद प्राचीन है आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह देश और दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसका निर्माण प्राचीन धारत्तुर परकोटा शैली में हुआ है। खास बात यह है की उत्तराखंड हिमालय में स्थित मंदिर में शीतकाल के लिए केवल बाबा केदार ही नहीं द्वितीय केदार बाबा मध्यमेश्वर भी विराजते हैं।

रुद्रप्रयाग से लगभग 41 किलोमीटर की दूरी पर 1311 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर काफी खास है , कहते है कि पंचकेदारों की दिव्य मूर्तियां और शिवलिंग स्थापित होने के कारण इस प्रसिद्ध मंदिर को पंचवटी स्थल भी कहा गया है।

मंदिर को लेकर मान्यता कुछ ऐसी है की यहां दर्शन करने मात्र से ही पंच केदार यात्रा का पुण्य मिल जाता है । मंदिर की प्राचीनता के पीछे भी एक पौराणिक कहानी भी छुपी है वह कुछ ऐसी है की यहां राजा मांधाता ने भगवान शिव की तपस्या की थी वहीं मांधाता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें ओंकार रूप में दर्शन दिए। इसलिए भगवान शिव को यहां ओंकारेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।