Uttrakhand Breaking : उत्तराखंड में भर्ती घोटालों की एक ऐसे पिक्चर चल रही है जो खत्म होने का नाम ही नही ले रही है। हां वो बात अलग है कि इस पिक्चर में किरदार बदल बदल कर सामने आ रहे है ।अब मामला पंततनगर कृषि विवि की कराई गई भर्ती परीक्षाओं से जुड़ा है जो अब घोटाले के शक के घेरे में है। वहीं विवि के रिटायर्ड एईओ की गिरफ्तारी ने इस मामले को और भी ज्यादा पुख्ता कर दिया है।बताया जा रहा है कि वर्ष – 2006 से 2021 तक 20 भर्ती परीक्षा कराई गई है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले के सामने आने के बाद कई घोटाले सामने आ रहे है। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि की आेर से भी कराई गई भर्ती परीक्षाओं में भी घपले की आशंका बढ़ गई है। बताया ये जा रहा है कि राज्य बनने के बाद विवि ने कई विभागों में भर्ती के लिए परीक्षाएं कराई थीं। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि ने राज्य के कई विभागों के रिक्त पदों पर परीक्षा कराई थी। ऐसे में कई और मामले जांच के दायरे में आ सकते हैं।
गौर करने वाली बात ये है कि इस पूरे मामले की वजह यूकेएसएसएससी (UKSSSC) भर्ती घोटाले में विवि के रिटायर्ड एईओ दिनेश चंद्र जोशी की गिरफ्तारी है। जोशी जब विवि की टेस्ट एवं सेलेक्शन कमेटी के समन्वयक थे तो उस समय 16 परीक्षाएं हुई थीं। अब यूकेएसएसएससी के भर्ती घोटाले में जोशी का नाम आने के बाद से कहा जा रहा है कि यदि विवि की कराई गई परीक्षाओं की भी जांच होती है तो पेपर आउट कराने में कई और मामले उजागर हो सकते हैं।
बताते चले कि राज्य बनने के बाद विभिन्न विभागों में भर्ती परीक्षा कराने के लिए आयोग नहीं बना था। बाद में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग बनाया गया। 54 सौ ग्रेड या इससे ऊपर रिक्त पदों पर नियुक्ति कराने का काम लोक सेवा आयोग का है। पिछले साल यूपीसीएल के तीनों निगमों के 105 पदों पर विवि ने परीक्षा कराई थी। जबकि इस परीक्षा को वर्ष, 2019 में तत्कालीन सीएम ने आयोग से परीक्षा कराने की सैद्धांतिक सहमति दी थी।
हालांकि इस मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। एसटीएफ (STF) ने यूपीसीएल से भर्ती हुए लोगों की सूची मांग ली है। विवि के एईओ दिनेश चंद्र जोशी वर्ष, 2006 से 2016 तक टेस्ट एंड सेलेक्शन कमेटी के समन्वयक थे और इस दौरान राज्य के विभिन्न विभागों के विभिन्न पदों पर 16 भर्ती परीक्षाएं कराई गई थीं। जबकि विवि की सेलेक्शन कमेटी 20 परीक्षाएं करा चुकी है। भर्ती घोटाले की जांच से रिटायर्ड जोशी से जुड़े विवि के अफसरों व कर्मचारियों में खलबली मची है।