प्रभुपाल सिंह:
Pauri Garhwal : पहाड़ों क्षेत्रों में कर्मचारियों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है । ताजा मामला पौड़ी गढ़वाल पशुचिकित्सालय कोटड़ी का है जहां कर्मचारी पहाड़ों में पोस्टिंग लेकर शहरों में अपना निजी कार्यालय संचालित कर रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहाड़ों में सेवा देने वे महीने में कभीकबार ही आते है। दस्तावेजों में हाजरी लगा निचले स्तर के कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंप कर उच्च अधिकारी शहरों में उद्यम संचालित कर रहे है। जिस का पहाड़ी समुदाय पर प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। जिससे पशुचिकित्सालय कोटड़ी अछूता नही है।
यहां भी कर्मचारियों की मनमानी पहली बात नही है। क्षेत्र कृषिप्रधान है जहां जनता की आजीविका कृषि व पशुधन पर निर्भर है। बावजूद इस के कर्मचारियों की बेरुखी से आएदिन काश्तकारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्षेत्र में मुर्गी पालकों पशुपालकों को विभाग से कोई मदद नही मिल रही है। विगत 4 वर्षों में क्षेत्र के काश्तकार खासा दुखी है।
जिन कमर्चारियों को पहाड़ों में सेवा नही देनी है उन्हें उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाय या उन्हें सेवानिवृत्त कर क्षेत्र की भलाई हेतु उपयुक्त कर्मचारियों को विभाग में तैनात किया जाय।इस समस्या से छुटकारा दिलाने की महान कृपा करें ताकि पहाड़ों में जो कुछ लोग आजीविका चला रहे है उन का पलायन शहरों की मलीन बस्तियों में न हो।