शंखनाद INDIA:
हाकम सिंह रावत 9 अगस्त को बैंकॉक से इंदिरा गांधी एयरपोर्ट और फिर जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर और फिर वहां से नटवाड़ पहुंचा।हाकम सिंह आखिर चार दिन कहां रहा? कैसे दिल्ली इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सीधे मोरी नटवाड पंहुच गया। आखिर उत्तराखंड की एसटीएफ ने इन चार दिनों में उसे गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन हाकम सिंह की गिरफ्तारी मोरी में हुई?
मगर एसटीएफ सोई रही:
उसके बाद तनुज शर्मा से पूछताछ के लिए एसटीएफ नैटवाड़ पहुंची और लंबी पूछताछ के बाद तनु शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया।उस समय भी हाकम सिंह वहीं था ।उसके बावजूद एसटीएफ ने उसे ढूंढने की कोई कोशिश नहीं की।एसटीएफ के तनुज शर्मा को अपने साथ लेकर जाने के बाद हाकम सिंह ने टोयोटा इनोवा कार से हिमाचल भागने की कोशिश की।मगर मोरी पुलिस की सक्रियता से हाकम सिंह को पकड़ लिया गया ।
अभी तक एसटीएफ ने हाकम सिंह की गिरफ्तारी नहीं दिखाई है । हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बावजूद उत्तरकाशी के कप्तान इस विषय पर कुछ बताने को तैयार नहीं थे।हाकम सिंह भाजपा का जिला पंचायत सदस्य है ,और प्रदेश भाजपा में गहरी पकड़ रखता है और इतनी गहरी पकड़ रखता है इतनी कि वन दरोगा भर्ती घोटाले में जो ब्लूटूथ वाला घोटाला हुआ था , उसमें मंगलौर हरिद्वार थाने में जो एफ आई आर दर्ज हुई थी उसमें हाकम सिंह का नाम प्रमुख था।
मगर उसके बाद हाकम सिंह का नाम वहां से ही गायब हो गया :
बताया जा रहा है कि हाकम सिंह अपने रिजॉर्ट में बड़े बड़े अधिकारियों की खूब आवभगत करता था।
इस केस में भी बिजनौर में पेपर हल कराने की बात सामने आ रही है।एसटीएफ द्वारा हार्ड डिस्क से प्रिंटिंग के समय की वीडियो रिकॉर्डिंग तो गायब बताया जाना और अब हाकम सिंह के मामले में लापरवाही बरतना बता रहा है कि अब एसटीएफ पर दबाव पड़ने लग गया है।क्योंकि अब जाँच की आँच भाजपा के बड़े नेताओं तक पहुँच सकती है। तो क्या भ्रष्टाचार के बड़े हाकम को एसटीएफ छोड़ देगी या कुछ करेगी ये भविष्य के गर्भ में है ।
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