पौड़ी के अंदर पैठाणी थाने के अंतर्गत उत्तराखंड की मित्र पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है।मित्र पुलिस को यह अधिकार किसने दिया। जब चालान काट दिया गया था। उसके बाद युवक की बेरहमी से पीट डाला? मित्र पुलिस के नाम पर कलंक हैं? इस तरह का अमानवीय व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई होनी चाहिए। मानवाधिकार आयोग में में इनकी शिकायत की जानी चाहिए।ऐसे लोगों ने उत्तराखंड के मित्र पुलिस का नाम बदनाम किया है।खाकी के नाम पर मित्र पुलिस की गुंडागर्दी सामने आती रही है। पौड़ी के एसएसपी को संज्ञान लेना चाहिए। पुलिसकर्मी को सस्पेंड करना चाहिए। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार व मुख्यमंत्री भी संज्ञान लें।