देहरादून:
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून में साल 2015 में नियुक्तियों में हुई अनियमितता मामले में विजिलेंस ने खुली जांच शुरू कर दी है. यह जांच सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद शुरू हुई है. आरोपी लोगों पर जल्द ही कानूनी शिकंजा कस सकता है
       साल 2015 में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून में हुई नियुक्तियों की घपलेबाजी मामले में विजिलेंस ने अपनी जांच शुरू कर दी है. शुक्रवार देर शाम तक विजिलेंस की टीम ने विश्वविद्यालय में कार्रवाई के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं. इंस्पेक्टर किरण असवाल के नेतृत्व में बनाई गई विजिलेंस की टीम ने विश्वविद्यालय में भर्ती करवाने वाली कमेटी के पदाधिकारियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं।
   2015 में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग अनुदेशकों के पद पर जारी रोस्टर को बदलने और माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में घपलेबाजी का आरोप है. बायोमेडिकल संकाय और संस्कृत असिस्टेंट प्रोफेसर सहित पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित कर उसे रद्द करने का मामला भी है. विश्वविद्यालय में रिक्त पद ना होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को प्रमोशन और एसीपी का भुगतान करने के अलावा शासन से बिना अनुमति के ही अलग-अलग पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकालने का आरोप है।

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