पूनम चौधरी शंखनाद इंडिया देहरादून:

बीते दिनों उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ। हजारों बच्चे हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा में पास होने में सफल रहे, लेकिन दुर्गम क्षेत्रों के कई छात्र इस चुनौती को पार नहीं कर सके। करते भी तो कैसे, कोरोना काल में पढ़ाई वैसे ही ठप रही। अब राज्य सरकार दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दुर्गम और अति आपको बता दें की दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में लेक्चरर की तैनाती के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग को राज्य लोक सेवा आयोग से 449 लेक्चरर मिले हैं। जिन्हें दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में भेजा जाएगा। उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित 449 लेक्चरर को 15 अगस्त से पहले नियुक्ति देने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा बीमार शिक्षकों को भी बड़ी राहत देने का ऐलान किया गया है।

आपको यह बता दें कि राज्य चिकित्सा बोर्ड की बैठक के बाद बोर्ड के प्रमाण पत्र के आधार पर सुगम क्षेत्र में तैनाती दी जाएगी। दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में किस विषय के कितने शिक्षकों को तैनाती दी जाएगी, ये भी बताते हैं। सामान्य शाखा के तहत दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में अंग्रेजी विषय के 64, हिंदी के 81, संस्कृत के 18, भौतिक विज्ञान के 46, रसायन विज्ञान के 42, गणित के 6, जीव विज्ञान के 35, नागरिक शास्त्र के 38, अर्थशास्त्र के 74, इतिहास के 8, भूगोल के 17, समाजशास्त्र के 6, कला, मनोविज्ञान एवं कृषि के एक-एक शिक्षक की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा बालिका इंटर कॉलेजों में हिंदी विषय के दो, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अर्थशास्त्र के 3-3 शिक्षिकाओं को नियुक्ति दी जाएगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि लेक्चरर को दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में पांच साल के लिए तैनाती दी जाएगी। जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या दूर होगी, शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

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