विक्रम श्रीवास्तव :

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद जांच के नाम पर जांच नतीजा शून्य ही दिखाई दिया है चाहे वह पहली निर्वाचित सरकार के भ्रष्टाचार की बात हो या अन्य मामले हो । पिछली भाजपा सरकार में जांच के बाद जिन दो आईएएस अफसरों को एनएच 74 चौड़ीकरण मामले में निलंबित किया गया था आज उन्ही के कंधो पर आज सूबे की अहम जिम्मेदारी सरकार ने दे रखी है। घपले घोटाले के आरोप तो इस राज्य के लिए सिर्फ राजनैतिक दलों के भाषणों का हथियार बाकी रिजल्ट को बताने की आवश्यकता नहीं है। 15 जुलाई को जनपद चमोली के जोशीमठ थाना क्षेत्र के हेलंग में हुई घटना में सरकार की जांच कछुए की चाल चल रही है।

दरअसल 15 जुलाई को हेलंग से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ उस वीडियो में तीन महिलाएं और एक पुरुष जिसमे मंदोदरी देवी ,लीला देवी ,संगीता भंडारी और विपिन भंडारी शामिल थे। उन्हे सीआईएसएफ और पुलिस के जवानों द्वारा चारा पत्ती ले जा रहे ग्रामीणों को रोक कर उनसे चारा पत्ती के गट्ठर महिलाओं छीन लिए। इस तीखी झड़प के चलते एक घसियारी रोते हुए दिखाई दी ।

घटना के वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 21 जुलाई को शाम 5 बजकर 35 मिनट पर ट्वीट कर गढ़वाल कमिश्नर को जांच के आदेश दिए । 15 जुलाई की घटना पर कई समाजिक राजनैतिक संगठनों ने हेलंग जाकर प्रदर्शन तो किया ही पूरे प्रदेश भर में भी इसका असर दिखाई दे रहा है दिल्ली में भी उत्तराखंड प्रवासियो के बीच हेलंग की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी तक ने अपने सोशल मीडिया पर हेलंग की घटना की निंदा की है ।

 

ज्यादातर लोग दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग के साथ साथ डीएम को हटाने की मांग कर रहे है। हैरत की बात यह है की जिस जिले की घटना है जहा पर डीएम को हटाने की मांग तमाम संगठन कर रहे हो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निष्पक्ष जांच रिजल्ट चाहते हो वहा पर डीएम की भूमिका की जांच उनके आदेशों का पालन करने वाले एडीएम को दिया गया है । हेलंग प्रकरण की जांच कर रहे गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया की उन्होंने जांच रिपोर्ट के लिए एडीएम को तीन दिन का रिमांडर भेजा है एडीएम की रिपोर्ट आने के बाद वह जांच करेंगे।